गुरु बृहस्पति की कृपा प्राप्ति के लिए गुरुवार के दिन विधि विधान से आरती करें और इन वस्तुओं का दान दे
आज गुरुवार के दिन देव गुरु बृहस्पति की पूजा विधि विधान से की जाती है
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज गुरुवार के दिन देव गुरु बृहस्पति की पूजा विधि विधान से की जाती है. गुरुवार को व्रत (Guruvar Vrat) रखने और व्रत कथा (Vrat Katha) का पाठ करने से कष्ट एवं पाप मिटते हैं, सभी दुख दूर होते हैं. देव गुरु बृहस्पति की कृपा से कार्यों में सफलता मिलती है, यश एवं कीर्ति प्राप्त होती है. गुरु की कृपा से दांपत्य जीवन में खुशहाली आती है, रिश्ते मधुर रहते हैं. जिन लोगों के विवाह में किसी प्रकार की समस्या होती है या किसी प्रकार की देरी होती है, उन लोगों को गुरुवार का व्रत करना चाहिए. हालांकि आप गुरुवार के दिन विधि विधान से आरती (Aarti) करके भी बृहस्पति देव को प्रसन्न कर सकते हैं.
बृहस्पति देव की आरती
जय बृहस्पति देवा, ओम जय बृहस्पति देवा।
छिन छिन भोग लगाऊं, कदली फल मेवा॥ ओम जय बृहस्पति देवा…
तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी।
जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ओम जय बृहस्पति देवा…
चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता।
सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता॥ ओम जय बृहस्पति देवा…
तन, मन, धन अर्पण कर, जो जन शरण पड़े।
प्रभु प्रकट तब होकर, आकर द्वार खड़े॥ ओम जय बृहस्पति देवा…
दीनदयाल दयानिधि, भक्तन हितकारी।
पाप दोष सब हर्ता, भव बंधन हारी॥ ओम जय बृहस्पति देवा…
सकल मनोरथ दायक, सब संशय हारो।
विषय विकार मिटाओ, संतन सुखकारी॥ ओम जय बृहस्पति देवा…
जो कोई आरती तेरी, प्रेम सहित गावे।
जेठानन्द आनन्दकर, सो निश्चय पावे॥ ओम जय बृहस्पति देवा…
बृहस्पतिदेव की जय। विष्णु भगवान की जय।
बृहस्पति देव को दान करें
कुंडली में गुरु दोष को दूर करने के लिए गुरुवार व्रत रखा जाता है. गुरुवार के दिन पीले फूल, बेसन के लड्डू, चने की दाल, पीले वस्त्र, पुस्तक आदि का दान करना चाहिए.यह दान किसी ब्राह्मण को दान करें. आज के दिन अपने गुरुजन का आशीर्वाद लेने से भी लाभ होता है.