शनिदेव के दुष्प्रभाव से बचने के लिए शनिवार को अपनाएं ये विशेष उपाय

शनिदेव को दण्ड और न्याय का देवता माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार शनि देव ने अपने पिता सूर्य देव से नाराज होकर भगवान शिव की कठोर तपस्या की थी।

Update: 2021-08-14 03:44 GMT

शनिदेव को दण्ड और न्याय का देवता माना जाता है। पौराणिक कथा के अनुसार शनि देव ने अपने पिता सूर्य देव से नाराज होकर भगवान शिव की कठोर तपस्या की थी। शनि देव की इस तपस्या से प्रसन्न होकर शंकर जी ने उन्हें दण्डाधिकारी का पद प्रदान किया था। मान्यता है कि तब से शनि देव व्यक्ति को उसके किए हुए सही और गलत कार्यों के आधार पर दण्ड प्रदान करते हैं। इस कारण ही लोग शनि देव का नाम लेने से भी डरते हैं। जबकि शनि देव केवल बुरे कर्मों का ही बुरा परिणाम प्रदान करते हैं। आज हम आपको शनि देव के कुछ ऐसे उपाय बता रहे हैं जिनको अपनाने से शनि देव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और उनके दुष्प्रभावों से भी बचा जा सकता है...

1-शनि के दुष्प्रभावों से बचने के लिए सबसे आसान उपाय है काली गाय की सेवा करना। शनिवार के दिन काली गाय को रोटी खिलाए तथा उसकी सींग पर गौली बांध कर तिलक लगाना चाहिए।
2-सावन के शनिवार के दिन भगवान शिव के पंचाक्षर मंत्र का जाप करने से शनि के दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है।
3- सावन मास में शनिवार के दिन भगवान शंकर के मंदिर में सरसों के तेल का दिया जला कर, रुद्राक्ष की माला से शनि देव के मंत्र का जाप करने से शनि की कुदृष्टि से बचा जा सकता है।
4-शनिवार के दिन बंदरों को काले चने खिलाने या काले कुत्ते को रोटी खिलाने से भी शनि की महादशा के प्रभाव को कम किया जा सकता है।
5- शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए खाने में काले नमक और काली मिर्च का प्रयोग करना चाहिए।
6- शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दिया जालाने और सरसों का तेल दान करने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं।
7- शनिवार के दिन जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन कराने, उसे काले या नीले रंग के कपड़ों का दान करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं।
8- जो व्यक्ति शनि की किसी महादशा से पीड़ित हो उसे मांस, मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए तथा अपने मन में भी किसी के प्रति कोई बुरा विचार न लाएं। शनि देव आपका कोई अहित नहीं करेंगे।


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