सूर्य ग्रहण पर राहु-केतु की बुरी दृष्टि से बचने के लिए करे इन मंत्रों का जाप

ग्रहण काल के दौरान अगर आपकी राशि पर राहु-केतु की बुरी दृष्टि पड़ जाए तो बनते काम भी बिगड़ जाते हैं और जीवन में अस्थि​रता आ जाती है. ऐसे में कुछ मंत्रों का निरंतर जाप करने से आपको तमाम लाभ मिल सकते हैं.

Update: 2021-12-03 04:41 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। 4 दिसंबर शनिवार के दिन साल का दूसरा और आखिरी सूर्य ग्रहण (Last Solar Eclipse of 2021) लगने जा रहा है. ये ग्रहण करीब 4 घंटे का होगा. सूर्य ग्रहण 10 बजकर 59 मिनट से यानी करीब 11 बजे शुरू होकर दोपहर के 3 बजकर 7 मिनट पर समाप्त होगा. ग्रहण से करीब 12 घंटे पहले ही सूतक लग जाता है और मंदिर के कपाट बंद हो जाते हैं. इस दौरान पूजा पाठ करने की मनाही होती हैं. मान्यता है कि ग्रहण काल के दौरान राहु-केतु की बुरी छाया पृथ्वी पर होती है और सूर्य उनके द्वारा प्रताड़ित होकर कमजोर हो जाते हैं.

ऐसे में अगर आपकी राशि पर राहु-केतु की बुरी दृष्टि पड़ जाए तो बनते काम भी बिगड़ जाते हैं और जीवन में अस्थि​रता आ जाती है. इस वजह से ग्रहण काल में कोई भी शुभ काम करने के लिए मना किया जाता है और मानसिक जाप को काफी शुभ माना जाता है. मान्यता है कि मानसिक जाप करने से राहु-केतु की बुरी दृष्टि का प्रभाव निष्क्रिय हो जाता है और व्यक्ति की मनोकामना पूरी होती है. आइए जानते हैं ऐसे ही कुछ मंत्रों के बारे में जिनका जाप करके आप ग्रहण काल के दौरान नकारात्मक शक्तियों के प्रभाव से बच सकते हैं.
ये हैं मंत्र
1. राहु-केतु की बुरी दृष्टि से बचने के लिए
– विधुन्तुद नमस्तुभ्यं सिंहिकानन्दनाच्युत
दानेनानेन नागस्य रक्ष मां वेधजाद्भयात्
– ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते,
अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकर:
– ॐ ह्रीं ह्रीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा
ग्रहण काल के ​दौरान इन मंत्रों का जाप करके बुरी शक्तियों का नाश करने के लिए प्रार्थना की जाती है. साथ ही जीवन को ग्रहण के बुरे प्रभावों से बचाने के लिए ईश्वर से प्रार्थना की जाती है.
2. शत्रु नाश के लिए
– ॐ ह्लीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय
जिह्ववां कीलय बुद्धि विनाशय ह्लीं ओम् स्वाहा
यदि आपके जीवन में शत्रु बहुत हैं और आप उनसे तंग आ चुके हैं तो ग्रहण काल के दौरान इस मंत्र का जाप जरूर करें. इससे आप अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त कर सकते हैं.
3. जीवन में शांति लाने के लिए
– तमोमय महाभीम सोमसूर्यविमर्दन
हेमताराप्रदानेन मम शान्तिप्रदो भव
जीवन में अस्थि​रता है, तनाव बना रहता है तो ग्रहण काल में इस मंत्र का जाप करें. ये आपके जीवन के कष्टों को दूर करके जीवन में शांति लाएगा.
4. रोग से मुक्ति और यश प्राप्ति के लिए
– ॐ आदित्याय विद्महे मार्त्तण्डाय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात्
– ॐ सप्त-तुरंगाय विद्महे सहस्र-किरणाय धीमहि तन्नो रविः प्रचोदयात्
– ॐ अश्वाद्वाजय विद्महे पासहस्थाया धीमहि तन्नो सूर्य प्रचोदयात्
– ॐ भास्कराय विधमहे दिवा कराय धीमहि तन्नो सूर्य प्रचोदयात्
– ॐ आस्वादवजया विधमहे पासा हस्ताय धीमहि तन्नो सूर्य प्रचोदयात्
– ॐ आदित्याय विद्महे मार्त्तण्डाय धीमहि तन्नः सूर्यः प्रचोदयात्
ये सभी मंत्र असीम ऊर्जा के स्रोत हैं. यदि आपके जीवन में अंधकार छाया हुआ है, आप रोग से घिरे हुए हैं तो आपको ग्रहण काल के दौरान इन मंत्रों में से किसी का जाप जरूर करना चाहिए. इससे आपको काफी लाभ मिल सकता है. नियमित रूप से इनका जाप करने से व्यक्ति को अथाह शक्ति की अनुभूति होने लगती है और जीवन में बहुत तरक्की और यश मिलता है.
जानिए कहां दिखेगा सूर्य ग्रहण
ये सूर्य ग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा, इस कारण इसका असर भी यहां नहीं होगा और न ही सूतक के नियम लागू होंगे. लेकिन फिर भी ग्रहण का प्रभाव दुनिया में तो रहेगा, इसलिए आप कहीं भी हों, ग्रहण काल के दौरान इन मंत्रों का जाप करके लाभ ले सकते हैं. ये सूर्य ग्रहण अंटार्कटिका, दक्षिण अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अमेरिका में देखा जा सकेगा.


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