बृहस्पति को सबसे बड़ा गृह माना जाता है, ये देवताओं के गुरु कहे जाते हैं. कहते हैं कुंडली में गुरु बृहस्पति अगर मजबूत स्थिति में हों, तो तमाम समस्याएं दूर हो जाती हैं और हर बिगड़ा काम बन जाता है. माना जाता है कि गुरु के कमजोर होने पर व्यक्ति की शिक्षा पर असर पड़ता है. इसके साथ ही आर्थिक और विवाह संबंधित अड़चनें आ सकती हैं. मान्यता है कि अगर गुरु कृपा पानी हो तो बृहस्पतिवार के दिन कुछ काम करने से परहेज करना चाहिए. आइए जानते हैं कि गुरुवार के दिन क्या करना चाहिए और किन चीजों को करने की है मनाही होती है.
गुरुवार के दिन क्या न करें
कहते हैं गुरुवार के दिन बाल नहीं कटवाना चाहिए. माना जाता है आज के दिन बाल कटवाने से बृहस्पति देव नाराज हो जाते हैं.
मान्यता है कि गुरुवार के दिन साबुन-शैम्पू, तेल के प्रयोग नहीं करना चाहिए.
बृहस्पतिवार के दिन सिर धोने, बाल कटवाने, शेविंग करने और नाखून काटने की शास्त्रों में मनाही है. कहते हैं ऐसा करने से धन संबन्धी परेशानियां बढ़ती हैं और उन्नति बाधित होती है.
आज के दिन कई लोग पैसों के लेन-देन से बचते हैं. मान्यता है कि ऐसा करने से गुरु कमजोर होता है और आर्थिक संपनता चली जाती है.
मान्यता है कि गुरुवार के दिन घर की दैनिक साफ सफाई तो कर सकते हैं, लेकिन विशेष सफाई न करें. घर का कबाड़ बाहर न फेंकें और इसके अलावा भी गंदगी वाले किसी भी काम से इस दिन परहेज करें.
माना जाता है कि गुरुवार के दिन धोबी के पास कपड़े धुलने के लिए या प्रेस के लिए नहीं देना चाहिए. न ही घर पर उन कपड़ों को धोएं.
गुरुवार के दिन क्या करें
सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें.
घर की अच्छी तरह साफ-सफाई करें.
गंगाजल युक्त पानी से स्नान ध्यान करें.
आज के दिन पीले रंग के वस्त्र (कपड़े) पहनना शुभकारी माने जाते हैं.
संभव हो तो उपवास रखें.
सूर्य देव और केले के पेड़ को जल का अर्घ्य दें.
केले के पेड़ की पूजा गुड़, चने की दाल, केले, पीले चंदन और फूल से करें.
गुरुवार व्रत कथा का पाठ करें.
गुरुवार के दिन विष्णु भगवान और लक्ष्मी की पूजा करें. भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी संपन्नता के प्रतीक हैं.
संभव हो तो बृहस्पतिवार की व्रत कथा भी पढ़ें. इससे दांपत्य जीवन सुखमय होता है और सुख समृद्धि बनी रहती है.
अंत में भगवान श्री हरि विष्णु जी की आरती करें.
शाम में आरती-अर्चना के बाद पीले रंग युक्त भोजन करें.
अगले दिन पूजा-पाठ सम्पन्न कर व्रत खोलें.
गाय को आटे की लोई में चने की दाल, गुड़ और हल्दी डालकर खिलाएं. स्नान के दौरान पानी में एक चुटकी हल्दी डालें.
गुरुवार के दिन किसी निर्धन को चने की दाल, केला, पीले वस्त्र आदि क्षमतानुसार दान करें.