गुरुवार व्रत, नोट करें व्रत से जुड़े सारे नियम

Update: 2024-03-28 10:10 GMT
ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में पूजा पाठ और व्रत महत्वपूर्ण बताया गया है और हर दिन किसी न किसी देवी देवता की पूजा को समर्पित होता है वही गुरुवार का दिन विष्णु पूजा के लिए श्रेष्ठ माना गया है इस दिन भक्त भगवान विष्णु की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं
 माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान की कृपा मिलती है ऐसे में अगर आप भी गुरुवार का व्रत करने की सोच रहे हैं तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा गुरुवार व्रत पूजा से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर रहे हैं तो आइए जानते हैं।
 गुरुवार व्रत से जुड़े नियम—
ज्योतिष अनुसार अगर आप पहली बार गुरुवार व्रत रखने जा रहे हैं तो किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार से इस व्रत की शुरुआत कर सकते हैं लेकिन इस व्रत का आरंभ पौष मास में करना अच्छा नहीं माना जाता है। लेकिन जो पहले से गुरुवार का व्रत कर रहे हैं वह पौष मास में यह व्रत कर सकते हैं। गुरुवार का व्रत 5, 11, 21, 51, 108 दिनों तक किया जा सकता है इसके साथ ही 16 गुरुवार का व्रत भी आप रख सकते हैं इसके अलावा गुरुवार का व्रत 1, 3, 4 या 7 साल तक भी किया जा सकता है।
 अगर आप गुरुवार का व्रत करना चाहते हैं तो इसके लिए गुरुवार के दिन सुबह जल्दी उठकर विष्णु और बृहस्पति देव का ध्यान कर व्रत का संकल्प करें। इसके बाद विष्णु जी को पीले वस्त्र, पुष्प, फल, मिठाई अर्पित करें फिर गुरुवार व्रत कथा का पाठ करें साथ ही केले के पेड़ की भी पूजा करें पूजन में केले के पत्तों को जरूर शामिल करें अंत में भगवान विष्णु की आरती करें बस इस बात का ध्यान रखें कि गुरुवार व्रत में नमक का उपयोग नहीं किया जाता है।
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