तीन अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहाआमलकी एकादशी में

आमलकी एकादशी के दिन भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान विष्णु की उपासना

Update: 2023-02-27 17:13 GMT

फाइल फोटो 

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हिंदू धर्म में एकादशी तिथि का विशेष महत्व है। प्रत्येक माह में दो एकादशी व्रत रखे जाते हैं। बता दें कि फाल्गुन मास में आमलकी एकादशी या रंगभरी एकादशी व्रत को बहुत ही महात्वपूर्ण माना जाता है। धार्मिक मान्यता के अनुसार इस दिन भगवान शिव माता पार्वती को पहली बार काशी लेकर आए थे और काशी के वासियों ने गुलाल और रंग से उनका स्वागत किया था। हिंदू पंचांग के अनुसार आमलकी एकादशी व्रत 3 मार्च 2023, शुक्रवार के दिन रखा जाएगा।
शास्त्रों में बताया गया है कि आमलकी एकादशी के दिन भगवान शिव, माता पार्वती और भगवान विष्णु की उपासना करने से साधक को विशेष लाभ मिलता है और उसे धन-धान्य की प्राप्ति होती है। साथ ही जीवन में आने वाले कई संकट दूर हो जाते हैं। अब यह भी बता दें आमलकी एकादशी के दिन तीन अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है। जिसमें देवी देवताओं की उपासना करने से पूजा सफल हो जाती है।
आमलकी एकादशी 2023 शुभ योग 
आमलकी एकादशी जिसे रंगभरी एकादशी के नाम से भी जाना जाता है, पर तीन अत्यंत शुभ योग का निर्माण हो रहा है। पंचांग के अनुसार इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग, सौभाग्य योग और शोभन योग का निर्माण होगा। बता दें कि सौभाग्य योग शाम 05:15 तक रहेगा, जिसके बाद शोभन योग प्रारंभ हो जाएगा। इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 06:08 से दोपहर 02:13 तक रहेगा।
आमलकी एकादशी पूजा विधि
आमलकी एकादशी के दिन भगवान विष्णु की आंवले के फल के साथ से पूजा की जाती है। इस विशेष दिन पर व्रत का संकल्प लें। इसके बाद भगवान विष्णु की पूजा करें और उन्हें आंवले का फल अवश्य अर्पित करें। इसके बाद भगवान शिव और माता पार्वती की विधिवत पूजा करें। इस विशेष दिन पर आंवले के वृक्ष की पूजा का भी विशेष महत्व है। इसलिए आंवले के वृक्ष को धूप, दीप, भोग इत्यादि अर्पित करें। पूजा के बाद किसी ब्राह्मण या जरूरतमंद व्यक्ति को भोजन खिलाएं व दान-दक्षिणा देकर घर से सम्मान पूर्वक विदा करें।
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