गुरुवार का व्रत रखने वाले इस आसान विधि से करें पूजा...भगवान विष्णु आप से होंगे प्रसन्न
भगवान विष्णु जगत के पालनहार हैं, सम्पूर्ण सृष्टि का संचालन करते हैं।
भगवान विष्णु जगत के पालनहार हैं, सम्पूर्ण सृष्टि का संचालन करते हैं। बृहस्पतिवार या गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की उपासना करने के लिए सर्वाधिक शुभ माना जाता है। इस दिन विष्णु जी की पूजा करने से घर में सुख- समृद्धि आती है। मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए इस दिन विष्णु जी के बृहस्पति स्वरूप की पूजा एवं व्रत रखने का प्रावधान है। इसके अतिरिक्त विवाह में आने वाली बाधा को दूर करने के लिए भी बृहस्पति देव की पूजा की जाती है।
बृहस्पतिवार को भगवान विष्णु की पूजा क्यों?
बृहस्पतिवार का दिन देवताओं के गुरु बृहस्पति को समर्पित है। इसी कारण इस दिन को बृहस्पतिवार या गुरुवार भी कहते हैं। एक पौराणिक मान्यता के अनुसार, पक्षियों में सबसे भारी अर्थात् गुरू गरूड़ देव ने कठिन तप करके बृहस्पतिवार को ही भगवान विष्णु की शरण प्राप्त की थी। तब से बृहस्पतिवार को भगवान विष्णु की पूजा का विशेष दिन माना जाने लगा है।
गुरुवार व्रत एवं पूजन विधि
गुरुवार के दिन भगवान विष्णु का पूजन हल्दी, गुड़, चना दाल तथा पीले रंग का वस्त्र अर्पण करके करना चाहिए। भगवान विष्णु को पीला रंग अति प्रिय है, अतः उन्हे प्रसन्न करने के लिए पीले रंग का वस्त्र पहन कर पूजा करना और भी लाभप्रद माना जाता है। इस दिन भगवान विष्णु के रूप में केले के पौधे की भी पूजा की जाती है तथा पीले फल व पीली वस्तुओं का दान करना चाहिए। इस दिन बृहस्पति देव की व्रत कथा का पाठ कर दिन भर फलाहार करते हुए व्रत रखना चाहिए।
गुरुवार व्रत और पूजन का महत्
गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की श्रद्धापूर्वक पूजा-अर्चना करने से घर में सुख, समृद्धि आती है। स्वास्थ्य लाभ होता है तथा व्रत रखने से ऐच्छिक कामनाएं पूरी होती हैं। जिन लोगों के विवाह में बाधा आ रही हो, तो उनके द्वारा भगवान विष्णु व माता लक्ष्मी की एक साथ पूजन करने से बाधा दूर हो जाती है। इसके अलावा बृहस्पतिवार का दिन देवताओं के गुरु को समर्पित है, अतः इस दिन की हुई पूजा-पाठ ज्ञान में भी वृद्धि लाता है।