जिनके पास हैं दुनिया की ये 3 कीमती चीजें, धरती पर स्वर्ग के समान है उनका जीवन

Update: 2022-11-12 16:17 GMT
इन्होंने नीति शास्त्र में जीवन के हर एक छोटे बड़े पहलू को दर्शाया है। या फिर ये कह लीजिए की इन्होंने नीतिशास्त्र में हर क्षेत्र से सम्बन्धित जानकारी दी है। वर्तमान समय में भी इनकी नीति लोगों पर बहुत प्रभाव डालता है।
इन्होंने जीवन के बारे बहुत खुश बताया है। जैसे की आचार्य चाणक्य के जीवन में तीन सुख ऐसे होते है जिनके बिना जीवन नहीं किया जा सकता है। और जिसके पास ये तीनों सुख हो चाणक्य के अनुसार धरती स्वर्ग के समान होती है।
आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र ग्रंथ में 14वें अध्याय के पहले श्लोक में धरती पर मौजूद तीन बहुमूल्य रत्नों की बात की है। इन तीन सुख के बिना जीवन की कल्पना असंभव है। आइए ये तीनों बहुमूल्य सुखों के बारे में जानते है।
पहला सुख
आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र के कहा है की जीवन का सबसे बड़ा सुख अन्न और जल है। पैसा भी जरूरी है लेकिन बस उतना ही जितना में हमारा जीवन अच्छे से निर्वहन हो जाए। तो इनके जैसा सुखी किसी का जीवन नहीं है। कुछ लोग सोना, चांदी,हीरा,मोती और बहुत ढेर सारे पैसे को असली सुख समझते है, लेकिन इनके इस सुख आगे असल में सुख क्या है ये भूल जाते है।
इंसान कमाता ही है पेट को पालने के लिए लेकिन जरूरी नहीं की सबको दो वक्त की रोटी अच्छे से मिले। और कुछ लोग मिलता है भी तो उनको खुशी से भोजन करने का नसीब नहीं होता है। वो खाना तो खाता है लेकिन उस तमाम उलझनों के साथ मानसिक तौर पर परेशान रहता है।
दूसरा सुख
चाणक्य के अनुसार जीवन का दूसरा सुख जिनकी वाणी में मधुरता होती हो। अगर व्यक्ति की आवाज मधुर होगी तो उसके दुश्मन भी उसके ही साइड हो जाते है। इसलिए गलत बोलने से तो अच्छा है की कुछ ना बोले, शांत रहे।
अगर आपकी वाणी मधुर होगी तो सब आपसे दोस्ती करना चाहेंगे और अगर आप कड़ा वचन बोलते है तो आपसे सब दूरी बनके रहने लगते है। मधुर बोलने वालो की हर जगह पूछ होती है न की कठोर बोलने वाली की।
तीसरा सुख
जीवन का तीसरा सुख सबसे बड़ा सुख मन की शांति है। क्योंकि अगर इंसान का मन शांत नहीं रहेगा तो वह जीवन में देश के किसी भी कोने में खुश नहीं रह पाएगा। इसलिए व्यक्ति की मन की शांति बहुत जरूरी होती है।
वर्तमान समय में व्यक्ति धन को ही अपना सबसे बड़ा सुख बना लिया है लेकिन वो भूल जाता है की इस सुख की लालसा उसे अपनो से कितनी दूर कर दिया है। इसलिए किसी भी व्यक्ति को शांत मन और संतुष्टि की भावना रखनी चाहिए।

Similar News

-->