यह कुंड है रहस्यमयी, इसकी तीन बूंदों से बुझ जाती है प्यास, जानें इसकी पूरी कहानी
जानें कहां है यह रहस्यमयी कुंड, क्या है राज
रहस्यमयी मंदिरों के बारे में तो हम अक्सर ही कोई न कोई स्टोरी शेयर करते ही रहते हैं। लेकिन आज हम एक कुंड की बात कर रहे हैं जो कि काफी रहस्यमयी है। इसका जल स्रोत क्या है और इसकी गहराई कितनी है? इस बारे में कई प्रयास किए गये हैं लेकिन सबका नतीजा सिफर रहा है। यह कुंड है भीमकुंड जो कि मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले में है। तो आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं…
भीमकुंड को लेकर ऐसी मिलती है कथा
भीमकुंड को लेकर कथा मिलती है कि महाभारत काल में अज्ञातवास के दौरान पांडवों एक वन से गुजर रहे थे। उसी समय द्रोपदी को प्यास लगी। तब पांचों भाइयों ने आस-पास पानी तलाशा। लेकिन कहीं भी पानी का कोई स्रोत नहीं मिला। कथा के अनुसार धर्मराज युधिष्ठिर ने नकुल को स्मरण कराया कि उसके पास यह क्षमता है कि वह पाताल की गहराई में स्थित जल का भी पता लगा सकता है। युधिष्ठिर का कथन स्वीकार करते हुए नकुल ने भूमि को स्पर्श करते हुए ध्यान लगाया। नकुल को पता चल गया कि किस स्थान पर जल स्रोत है। लेकिन जल कैसे मिले यह समस्या जस की तस थी।
तब भीम ने किया यह काम
कथा के अनुसार जब द्रोपदी प्यास से व्याकुल हो उठीं तो भीम ने अपनी गदा उठाई और नियत स्थान पर गदा से प्रहार किया। भीम की गदा के प्रहार से भूमि की कई परतों में छेद हो गया और जल दिखाई देने लगा। लेकिन भूमि की सतह से जल स्रोत लगभग तीस फीट नीचे था। सी स्थिति में युधिष्ठिर ने अर्जुन से कहा कि अब तुम्हें अपनी धनुर्विद्या के कौशल से जल तक पहुंच मार्ग बनाना होगा। यह सुनकर अर्जुन ने धनुष पर बाण चढ़ाया और अपने बाणों से जल स्रोत तक सीढ़ियां बना दीं। धनुष की सीढ़ियों से द्रौपदी को जल स्रोत तक ले जाया गया। यह कुंड भीम की गदा से निर्मित हुआ था इसलिए इसे भीमकुंड के नाम से जाना गया।
तो इसलिए कहते हैं कि है शांत ज्वालामुखी
भीमकुंड को लेकर मान्यता है कि यह एक शांत ज्वालामुखी है। इसकी गहराई की बात करें तो अब तक कई भू-वैज्ञानिकों ने गोताखोरों द्वारा इसकी गहराई का पता लगाने का प्रयास किया। लेकिन किसी को भी कुंड का तल नहीं मिला। कहा जाता है कि कुंड की अस्सी फिट की गहराई में तेज जलधाराएं प्रवाहमान हैं जो शायद इसे समुद्र से जोड़ती हैं। हालांकि भीमकुंड की गहराई आज भी भू-वैज्ञानिकों के लिए रहस्य ही बनी हुई है।
भीमकुंड से जुड़े हैं ये अनोखे तथ्य
भीमकुंड को लेकर मान्यता है कि इसमें स्नान करने से त्वचा संबंधी गंभीर से गंभीर बीमारियां भी ठीक हो जाती हैं। इसके अलावा कितनी भी प्यास लगी हो इसकी तीन बूंदें ही सारी प्यास बुझा देती है। इसके अलावा जब भी देश में कोई बड़ा संकट आने वाला होता है तब इस जलकुंड का जलस्तर बढ़ जाता है। यानी कि आपदा का संकेत यह कुंड पहले से ही दे देता है।