पंचमुखी हनुमान जी की ये कथा, घर में आने वाले हर कष्ट को दूर करें
2 फरवरी मंगलवार के दिन माघ मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि है. इस दिन हस्त नक्षत्र रहेगा.
जनता से रिश्ता बेवङेस्क | 2 फरवरी मंगलवार के दिन माघ मास की कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि है. इस दिन हस्त नक्षत्र रहेगा. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हस्त नक्षत्र के स्वामी चंद्रमा हैं. चंद्रमा को मन का कारक माना गया है. पंचांग के अनुसार चंद्रमा इस दिन कन्या राशि में गोचर कर रहे हैं. चंद्रमा जब अशुभ होते हैं तो व्यक्ति को मानसिक तनाव देने का कार्य भी करते हैं.
इस दौरान मन में नकारात्मक विचार आने लगते हैं व्यक्ति की कार्य करने की क्षमता प्रभावित होने लगती है जिस कारण व्यक्ति अवसरों का लाभ नहीं उठा पाता है. इन दशाओं में मंगलवार को पंचमुखी हनुमान जी की पूजा करने से परेशानियों को दूर करने में मदद मिलती है. आइए जानते हैं पंचमुखी हनुमान जी की पूजा करने से प्राप्त होने वाले लाभ के बारे में-
हनुमान जी की पूजा दूर करती है कष्ट
हनुमान जी की पूजा उस दशा में शुभ फल प्रदान करती है जब व्यक्ति के जीवन में कष्ट और बाधाएं कम नहीं होती हैं. व्यक्ति जिस कारण परेशान हो जाता है और उस इन परिस्थितियों से निकलने का कोई रास्ता नजर नहीं आता है. ऐसे में संकट मोचक हनुमान जी की पूजा विशेष फल प्रदान करने वाली मानी गई है.
पंचमुखी हनुमान जी की कथा
पौराणिक कथा के अनुसार रावण को अपनी पराजय जब निकट दिखाई देने लगी तो, उसने अपने मायावी भाई अहिरावन को रणभूमि में उतार दिया. अहिरावन ने अपने तंत्र-मंत्र से भगवान राम की सेना को गहरी नींद में सुला दिया और प्रभु राम और लक्ष्मण का अपहरण कर लिया. अपहरण करने के बाद वो उन्हें पाताल लोक ले गया. कुछ समय बात जब अहिरावन के तंत्र-मंत्र का असर कम होने लगा तो विभिषण ने इस परिस्थिति को भांप लिया और हनुमान जी को पूरी बात बताई. विभिषण ने हनुमान से तुरंत भगवान राम और लक्ष्मण की सहायता के लिए पाताल लोक जाने के लिए कहा. पाताल लोक पहुंचते ही हनुमान जी का सामना अहिरावन के पुत्र मकरध्वज से हुआ. हनुमान जी ने उसे युद्ध में हरा दिया. इसके बाद हनुमान बंधक भगवान राम और लक्ष्मण से मिले.
हनुमान जी ने इसलिए पंचमुखी रूप रखा
अहिरावन मां भवानी का भक्त था. पाताल लोक में उसने पांच दीपक अलग अलग दिशाओं में जल कर रखे हुए थे. उसे श्राप था कि जो भी एक बार में इन सभी पांचों दीपकों को बुझा देगा वहीं उसका वध करेगा. हनुमान जी ने इन पांचों दीपकों को एक साथ बुझाने के लिए पंचमुखी रूप धारण किया. उत्तर दिशा में वराह मुख, दक्षिण दिशा में नरसिंह मुख, पश्चिम में गरुड़ मुख, आकाश की तरफ हयग्रीव मुख और पूर्व दिशा में हनुमान मुख. इसके बाद उन्होंने एक साथ सभी दीपकों को बुझा दिया और इस प्रकार अहिरावण का वध हुआ. अहिरावण के मरने के बाद हनुमान जी भगवान राम और लक्ष्मण को मुक्त कराया.
मंगलवार को पंचमुखी हनुमान पूजा का महत्व
मंगलवार के दिन पंचमुखी हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है. माना जाता है कि जिन लोगों के जीवन में हर समय कोई न कोई दिक्कत बनी रहती है उन्हें पंचमुखी हनुमान जी के दर्शन करने चाहिए. प्रत्येक मंगलवार को पूजा करने और हनुमान चालीसा का पाठ करने से संकटों को दूर करने में सहायता मिलती है. मंगलवार के दिन घर में पंचमुखी तस्वीर लगाने से धन, सेहत, शिक्षा और जॉब आदि से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में भी मदद मिलती है.