यह चमत्कारी पाठ रोजगार पाने में होगा मददगार

Update: 2023-04-09 12:10 GMT
आज रविवार का दिन है और धार्मिक तौर पर ये दिन भगवान सूर्यदेव की पूजा को समर्पित किया गया है। इस दिन भक्त भगवान की विधिवत पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते है। मान्यता है कि सूर्यदेव की कृपा जिस पर हो जाती है उसके जीवन के सभी संकट दूर हो जाते है और सुख में वृद्धि होती है
ऐसे में अगर आप भी सूर्य कृपा चाहते हैं तो रविवार के दिन पूजा पाठ और व्रत के अलावा श्री सूर्य अष्टकम का संपूर्ण पाठ जरूर करें मान्यता है कि ये चमत्कारी पाठ रोजगार पाने की इच्छा को पूरा करता है तो आज हम आपके लिए लेकर आए है , सूर्य अष्टकम पाठ।
श्री सूर्य अष्टकम ॥
आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर ।
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोSस्तु ते ॥1॥
सप्ताश्वरथमारूढं प्रचण्डं कश्यपात्मजम् ।
श्वेतपद्मधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥2॥
लोहितं रथमारूढं सर्वलोकपितामहम् ।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥3॥
त्रैगुण्यं च महाशूरं ब्रह्मविष्णुमहेश्वरम् ।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥4॥
बृंहितं तेज:पु़ञ्जं च वायुमाकाशमेव च ।
प्रभुं च सर्वलोकानां तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥5॥
बन्धूकपुष्पसंकाशं हारकुण्डलभूषितम् ।
एकचक्रधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥6॥
तं सूर्यं जगत्कर्तारं महातेज:प्रदीपनम् ।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥7॥
तं सूर्यं जगतां नाथं ज्ञानविज्ञानमोक्षदम् ।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥8॥
इति श्रीशिवप्रोक्तं सूर्याष्टकं सम्पूर्णम् ।
सूर्याष्टकं पठेन्नित्यं ग्रहपीडा प्रणाशनम् ।
अपुत्रो लभते पुत्रं दारिद्रो धनवान् भवेत् ॥
अमिषं मधुपानं च यः करोति रवेर्दिने ।
सप्तजन्मभवेत् रोगि जन्मजन्म दरिद्रता ॥
स्त्री-तैल-मधु-मांसानि ये त्यजन्ति रवेर्दिने ।
न व्याधि शोक दारिद्र्यं सूर्य लोकं च गच्छति ॥
 
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