जन्माष्टमी पर पूजा का ये है उत्तम मुहूर्त

Update: 2023-09-06 12:36 GMT
पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि पर हर साल जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता हैं मान्यता है कि इसी पावन दिन पर भगवान विष्णु के आठवें अवतार श्रीकृष्ण का धरती पर जन्म हुआ था। जिसे देशभर में कृष्ण जन्माष्टमी के तौर पर बड़ी धूमधाम के साथ मनाया जाता हैं।
 इस बार यह पर्व 6 और 7 सितंबर को मनाया जा रहा हैं इस दिन भक्त भगवान कृष्ण के बाल स्वरूप की पूजा करते हैं और व्रत आदि भी रखते हैं मान्यता है कि ऐसा करने से भगवान की अपार कृपा भक्तों को प्राप्त होती हैं और कष्टों में कमी आती हैं। जन्माष्टमी के दिन कई शुभ योगों का निर्माण हो रहा हैं जो साधक के लिए फलदायी साबित हो सकता हैं तो ऐसे में आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा जन्माष्टमी पर बाल गोपाल की पूजा का उत्तम मुहूर्त बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।

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धार्मिक पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि 6 सितंबर को दोपहर 3 बजकर 27 मिनट से आरंभ हो गई हैं और 7 सितंबर को दोपहर 4 बजकर 14 मिनट पर समाप्त हो जाएगी। ऐसे में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी का पर्व स्मार्त संप्रदाय के अनुयायियों द्वारा 6 सितंबर दिन बुधवार को मनाया जाएगा। तो वही वैष्णव संप्रदाय के लोग इस त्योहार को 7 सितंबर दिन गुरुवार को मनाएंगे।
 इस दिन रोहिणी नक्षत्र सुबह 9 बजकर 20 मिनट से आरंभ हो चुका हैं जो कि 7 सितंबर को सुबह 10 बजकर 25 मिनट तक रहेगा। 6 सितंबर के दिन हर्षण योग रात 10 बजकर 26 मिनट तक रहेगा। तो वही सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन और रवि योग सुबह 6 बजकर 1 मिनट से सुबह 9 बजकर 20 मिनट तक रहेगा। ऐसे में इन शुभ मुहूर्त में भगवान कृष्ण की पूजा आराधना करना उत्तम फलदायी माना जा रहा हैं।
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