Jitiya Vrat पर ऐसे करें भगवान जीमूतवाहन की पूजा, नोट करें संपूर्ण विधि

Update: 2024-09-25 10:07 GMT
Jitiya Vrat ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व होता है लेकिन जितिया व्रत बेहद ही खास माना जाता है जो कि भगवान जीमूतवाहन की पूजा अर्चना को समर्पित होता है इस दिन पूजा पाठ और व्रत करना लाभकारी होता है मान्यता है​ कि इस व्रत को करने से संतान को लंबी आयु और सुखी जीवन का आशीर्वाद मिलता है।
 ऐसे में माताएं अपनी संतान की उत्तम कामना के लिए जितिया व्रत पूजन करती है इस साल जितिया व्रत आज यानी
25 सितंबर
दिन बुधवार को किया जा रहा है तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा जितिया व्रत के दिन भगवान जीमूतवाहन की संपूर्ण पूजा विधि के बारे में बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
 पूजा का शुभ मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार आश्विन माह की अष्टमी तिथि का आरंभ 24 सितंबर दिन मंगलवार को दोपहर 12 बजकर 38 मिनट पर हो चुका है और इस तिथि का समापन आज यानी 25 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 10 मिनट पर हो जाएगा। उदया तिथि के अनुसार जितिया व्रत आज यानी 25 सितंबर दिन बुधवार को रखा जा रहा है। इस दिन भगवान जीमूतवाहन की पूजा दोपहर के समय करना उत्तम रहेगा। मान्यता है कि इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से संतान संबंधी परेशानियां दूर हो जाती है।
 जितिया व्रत की पूजा विधि—
आपको बता दें कि जितिया व्रत के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण कर सूर्य भगवान की पूजा करें और उन्हें जल अर्पित करें अब भगवान जीमूतवाहन की दीपक जलाकर पूजा करें और व्रत का संकल्प करें। व्रत कथा का पाठ करें इसके बाद मंत्र जाप भी करें। फल और मिठाई आदि चीजों का भोग भगवान को अर्पित करें। अब भगवान जीमूतवाहन से संतान की प्राप्ति और उनकी सुरक्षा के लिए प्रार्थना करें इसके अगले दिन शुभ मुहूर्त में अपने व्रत का पारण करें। अंत में लोगों को श्रद्धा के साथ दान जरूर करें माना जाता है कि ऐसा करने से भगवान की असीम कृपा बरसती है और अन्न धन की कमी नहीं होती है।
मंत्र जाप—
कर्पूरगौरं करुणावतारं संसारसारं भुजगेन्द्रहारम्।
सदा बसन्तं हृदयारविन्दे भवं भवानीसहितं नमामि।।
ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते,
देहि में तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः
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