Akhurath Sankashti Chaturthi पर ऐसे करें गणपति को प्रसन्न, संपूर्ण पूजा विधि

Update: 2024-12-18 09:29 GMT
Akhurath Sankashti Chaturthi ज्योतिष न्यूज़: सनातन धर्म में कई सारे व्रत त्योहार पड़ते हैं और सभी का अपना महत्व भी होता है लेकिन संकष्टी चतुर्थी को बहुत ही खास माना गया है जो कि हर माह में आता है यह तिथि गणपति की पूजा अर्चना को समर्पित है इस दिन भक्त भगवान को प्रसन्न रखने के लिए पूजा पाठ और व्रत आदि करते हैं। संकष्टी चतुर्थी को नई शुरुआत का प्रतीक भी माना जाता है इस दिन लोग नए कार्य की शुरुआत करते हैं।
 पंचांग के अनुसार अभी पौष माह चल रहा है और इस माह पड़ने वाली संकष्टी चतुर्थी लाभकारी है। इस दिन पूजा पाठ और व्रत करने से भगवान श्री गणेश की असीम कृपा बरसती है साथ ही कष्टों का भी निवारण हो जाता है। पौष माह की संकष्टी चतुर्थी 18 दिसंबर यानी आज मनाई जा रही है। ऐसे में हम आपको पूजा की विधि बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
 संकष्टी चतुर्थी का पूजा मुहूर्त—
हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह की चतुर्थी तिथि का आरंभ 18 दिसंबर दिन बुधवार को सुबह 10 बजकर 6 मिनट से हो रहा है और इस तिथि का समापन अगले दिन यानी की 19 दिसंबर दिन गुरुवार को सुबह 10 बजकर 2 मिनट पर हो जाएगा। निशा काल में पूजा होने के कारण संकष्टी चतुर्थी का व्रत 18 दिसंबर को ही किया जाएगा। संकष्टी चतुर्थी को अखुरथ संकष्टी चतुर्थी के नाम से भी जाना जाता है।
 पूजा की सरल विधि—
संकष्टी चतुर्थी के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करें इसके बाद साफ वस्त्रों को धारण करें। घर की साफ सफाई करके चौकी रखकर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित करें। व्रत का संकल्प करें। भगवान गणेश को रोली, चंदन, अक्षत, पुष्प, सिंदूर और दूर्वा अर्पित करें पूजा के दौरान गणेश जी को मोदक का भोग लगाएं। इसके बाद ऊँ गं गणपते नमः मंत्र का जाप 108 बार करें। भगवान गणेश को शमी पत्ता अर्पित करें ऐसा करने से सभी दुख और परेशानियां दूर हो जाती है वही धन से जुड़ी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए इस दिन गणेश जी के समक्ष चौमुखी दीपक जलाएं। ऐसा करने से लाभ मिलता है।
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