नाराज़ पितरों को सोमवती अमावस्या पर ऐसे करें प्रसन्न

Update: 2023-07-12 08:35 GMT
सनातन धर्म में वैसे तो हर दिन का महत्व होता हैं लेकिन पूर्णिमा और अमावस्या तिथि बेहद ही खास मानी जाती हैं जो कि हर माह में एक बार पड़ती हैं अभी सावन का महीना चल रहा हैं और इस माह पड़ने वाली अमावस्या को सावन सोमवती अमावस्या के नाम से जाना जा रहा हैं जो कि इस बार 17 जुलाई दिन सोमवार को पड़ रही हैं।
 इस दिन पूजा पाठ स्नान दान का विशेष महत्व होता हैं। अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित होती हैं ऐसे में इस दिन पितरों के निमित्त अगर कुछ कार्यों को किया जाए तो पितृगण प्रसन्न हो जाते हैं और सुख समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते हैं साथ ही साथ पितृदोष भी दूर हो जाता हैं। तो आज हम आपको अपने इस लेख द्वारा सोमवती अमावस्या पर किए जाने वाले कार्य बता रहे हैं तो आइए जानते हैं।
 अमावस्या पर ऐसे करें पितरों को प्रसन्न—
आपको बता दें कि सावन में पड़ने वाली सोमवती अमावस्या के दिन शिव की विधि विधान से पूजा करें इसके बाद शिव गायत्री मंत्र ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय च धीमहि तन्नो रुद्र: प्रचोदयात'का कम से कम 108 बार जाप करें। माना जाता है कि इस उपाय को करने से कुंडली में व्याप्त पितृदोष दूर हो जाता हैं इसके अलावा सोमवती अमावस्या की सुबह स्नान के बाद पीपल के पेड़ की पूजा करें। पीपल की जड़ में जल और दूध अर्पित करें साथ ही जनेउ भी चढ़ाएं। तेल का दीपक जलाकर पीपल के परिक्रमा करें 'ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय' फिर इस मंत्र का जाप करें माना जाता हैं कि ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होकर अपना आशीर्वाद प्रदान करते हैं।
 अगर आप पितृदोष से पीड़ित चल रहे हैं और इससे मुक्ति पाना चाहते हैं तो सोमवती अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान करें इसके बाद पितरों का स्मरण करके हाथ में कुश की पवित्री पहनकर तर्पण करें। माना जाता है कि इस उपाय को करने से पितृदोष से मुक्ति मिलती हैं।
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