आज पूजा के समय ऐसे करें भगवान विष्णु की आरती, पूरी होगी सभी मनोकामनाओं

आज मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया ति​थि और गुरुवार दिन है। आज गुरुवार के दिन भगवान विष्णु और देव गुरु बृहस्पति की पूजा करने का विधान है।

Update: 2020-12-17 04:57 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क| आज मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की तृतीया ति​थि और गुरुवार दिन है। आज गुरुवार के दिन भगवान विष्णु और देव गुरु बृहस्पति की पूजा करने का विधान है। आज जब भी आप पूजा करें तो भगवान विष्णु जी की आरती करें। उनकी आरती करने से सभी दुख दूर होते हैं, कष्टों से मुक्ति मिलती है। वे सभी सुखों, संपत्ति और समृद्धि को देने वाले हैं। उनसे भक्तों का कोई भी विषय छिपा नहीं है, वे अंतरयामी हैं। आज के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से विवाह में आने वाली समस्याएं दूर होती हैं। कुंडली में गुरु की स्थिति मजबूत होती है

भगवान विष्णु की आरती :
ओम जय जगदीश हरे, स्वामी! जय जगदीश हरे।
भक्तजनों के संकट क्षण में दूर करें॥
जो ध्यावै फल पावै, दुख बिनसे मन का।
सुख-संपत्ति घर आवै, कष्ट मिटे तन का॥ ओम जय...॥
मात-पिता तुम मेरे, शरण गहूं किसकी।
तुम बिनु और न दूजा, आस करूं जिसकी॥ ओम जय...॥
तुम पूरन परमात्मा, तुम अंतरयामी॥
पारब्रह्म परेमश्वर, तुम सबके स्वामी॥ ओम जय...॥
तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता।
मैं मूरख खल कामी, कृपा करो भर्ता॥ ओम जय...॥
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति।
किस विधि मिलूं दयामय! तुमको मैं कुमति॥ ओम जय...॥
दीनबंधु दुखहर्ता, तुम ठाकुर मेरे।
अपने हाथ उठाओ, द्वार पड़ा तेरे॥ ओम जय...॥
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा।
श्रद्धा-भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा॥ ओम जय...॥
तन-मन-धन और संपत्ति, सब कुछ है तेरा।
तेरा तुझको अर्पण क्या लागे मेरा॥ ओम जय...॥
जगदीश्वरजी की आरती, जो कोई नर गावे।
कहत शिवानंद स्वामी, मनवांछित फल पावे॥ ओम जय...॥


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