शनिदेव को समर्पित हैं घर की ये दिशा

Update: 2023-06-08 18:18 GMT
वास्तुशास्त्र हर किसी के जीवन में अहम भूमिका अदा करता है और यह दिशाओं पर आधारित माना जाता हैं इसमें हर दिशा को लेकर कई नियम और तरीके बताए गए हैं जिसका पालन करने से सकारात्मक परिणाम मिलता हैं लेकिन अनदेखी समस्याओं को पैदा कर देती हैं घर की हर दिशा किसी न किसी देवी देवताओं को समर्पित होती हैं।
वही वास्तु की मानें तो घर की पश्चिम दिशा वरुण देव और शनिदेव को समर्पित हैं ऐसे में कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी होता हैं वरना शनि क्रोध सहना पड़ सकता हैं तो आज हम आपको बता रहे हैं कि घर की इस दिशा में क्या करना चाहिए और क्या नहीं, तो आइए जानते हैं।
वास्तु से जुड़े नियम—
वास्तुशास्त्र के अनुसार पश्चिम दिशा में सिर करके नहीं सोना चाहिए ऐसा करने से मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता हैं इस दिशा को सूर्यास्त की दिशा मानी जाती हैं इसलिए पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके बैठना या कोई अन्य कार्य करना मन में तनाव पैदा कर सकता हैं इस दिशा की ओर मुंह करके भोजन किया जा सकता हैं।
इसके अलावा आप पश्चिम दिशा में सीढ़ियां, बगीचा आदि भी बनवा सकते हैं इसे शुभ माना जाता हैं। वास्तु की मानें तो भूलकर भी पश्चिम दिशा में रसोई नहीं बनवाना चाहिए इस दिशा में रसोई होने से घर के मालिक को आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता हैं वही अगर घर का प्रवेश द्वार इस दिशा में होता है तो ऐसे में धन अधिक वक्त तक नहीं ठहरता है यानी पैसा आता है और खर्च हो जाता हैं ऐसे में इस दिशा में घर का मुख्य द्वार नहीं बनवाना चाहिए।
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