इस दिन है भाई दूज का पर्व, जाने शुभ मुहूर्त और महत्व

हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन भाई दूज पर्व मनाया जाता है। हिंदू धर्म में भाई दूज पर्व का विशेष महत्व है। इस वर्ष यह पर 27 अक्टूबर 2022 को मनाया जाएगा।

Update: 2022-10-16 05:40 GMT

हर साल कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के दिन भाई दूज पर्व मनाया जाता है। हिंदू धर्म में भाई दूज पर्व का विशेष महत्व है। इस वर्ष यह पर 27 अक्टूबर 2022 (Bhai Dooj 2022 Date) को मनाया जाएगा। बता दें कि भाई दूज पर्व को रक्षाबंधन की भांति भाई-बहन के आपसी प्रेम और स्नेह का प्रतीक माना जाता है। इस दिन बहन अपने भाई के माथे पर टीका लगाती हैं, उनकी आरती उतारती है और लंबी उम्र की कामना करती हैं। यह प्रथा प्राचीन काल से चली आ रही है।

मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से उनके जीवन में सुख, समृद्धि व खुशहाली आती है। पौराणिक मान्यता यह भी है कि भाई दूज के दिन बहनों के घर भोजन करने से भाइयों के सभी काम सफल होते हैं जीवन में धन-ऐश्वर्य की वृद्धि होती है। आइए जानते हैं भाई दूज की तिथि शुभ मुहूर्त मंत्र और विधि।

भाई दूज शुभ मुहूर्त 

हिंदू पंचांग के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि 26 अक्टूबर को दोपहर 2:42 से शुरू हो रही है और इसका समापन 27 अक्टूबर 2022 दोपहर 12:45 पर होगा। इसके साथ यह भी जान लें कि भाई दूज का तिलक समय 12:14 से 12:47 तक है। इस अवधि में बहन अपने भाई को टीका लगाएं और इस मंत्र का जाप करें-

भ्रातस्तवानुजाताहं भुंक्ष्व भक्तमिमं शुभं।

प्रीतये यमराजस्य यमुनाया विशेषत:।।

भाई दूज तिलक विधि 

भाई दूज के दिन भाई और बहन दोनों ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें और साफ कपड़े पहनकर सबसे पहले भगवान का पूजन करें। इसके बाद मुहूर्त काल में भाई के तिलक के लिए बहन सुंदर थाल सजाएं। इस बात का ध्यान रखें कि थाली में कुमकुम, सिंदूर, चंदन, फूल, फल, मिठाई, अक्षत व सुपारी जरूर हो। मुहूर्त काल में एक चौकी सजाएं और उस पर बैठाकर भाई को तिलक लगाएं। तिलक के बाद फूल, पान, सुपारी, बताशे और काले चने भाई को दें। फिर उनकी आरती उतारें, आरती के बाद उन्हें मिठाई खिलाएं और अपने हाथों से भोजन परोसें।

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