इस दिन है मुहर्रम, मानवता के लिए इमाम हुसैन ने दी शहादत

हिजरी कैलेंडर के अनुसार मुहर्रम इस्लामिक साल का पहला महीना है। बीते 9 अगस्त की शाम चांद के बाद 1443 हिजरी की शुरुआत हो चुकी है।

Update: 2021-08-18 03:04 GMT

हिजरी कैलेंडर के अनुसार मुहर्रम इस्लामिक साल का पहला महीना है। बीते 9 अगस्त की शाम चांद के बाद 1443 हिजरी की शुरुआत हो चुकी है। इस्लाम मज़हब में मुहर्रम गम का महीना माना जाता है। क्योंकि इसी महीने में इराक के कर्बला नामक जगह पर यज़ीद और इमाम हुसैन के बीच लड़ाई लड़ी गई थी। कर्बला के युद्ध में पैंगम्बर मोहम्मद साहब के नवासे इमाम हुसैन सहित 72 साथियों ने शहादत दी थी। मुहर्रम महीने के अशूरा को इमाम हुसैन शहीद हुए थे जो हिजरी कैलेंडर के अनुसार 19 अगस्त को पड़ रहा है। खासकर के शिया मुसलमान हुसैन की याद में मजलिस करके उन दिनों को याद करते हैं।

मुहर्रम और हज़रत इमाम हुसैन की शहादत
हज़रत इमाम हुसैन इस्लाम के पैंगम्बर मोहम्मद साहब के नवासे थे। उन्होंने इस्लाम और मानवता की रक्षा के लिए अपनी अपने परिवार और दोस्तों की कुर्बानी दे दी। इसी शहादत की याद में शिया मुसलमान ताजिया निकालते हैं। यह ताजिया उन शहीदों का प्रतीक माना जाता है। इस ताजिया के साथ जुलूस निकालकर फिर उसे प्रतीकात्मक रूप से दफनाया जाता है। जैसे इमाम हुसैन का मकबरा इराक में आज भी है। इसीलिए दुनिया भर के मुसलान के लिए यह गम का महीना है।
मुहर्रम महीने का आशूरा
हिजरी कैलेंडर के अनुसार महीने के दसवें दिन को अशूरा कहते हैं। इस्लामिक मान्यताओं के अनुसार मोहर्रम के अशूरा के दिन ही दर्दनाक घटना घटित हुई। जिसको याद करके आज भी सभी के आंखों में आंसू आ जाते हैं। हालांकि इमाम हुसैन ने यज़ीद की सेना का डटकर मुकाबला, किया लेकिन 10वें यानि आशूरा के वे शहीद हो गए। इस दिन ही हिंदुस्तान समेत कई मुल्कों में मोहर्रम मनाया जाता है।



Tags:    

Similar News

-->