इस दिन पड़ रहा है सावन का पहला सोमवार, इस विधि से करें पूजा

हिंदू धर्म में सावन माह को बहुत ही पवित्र माना गया है। भगवान भोलेनाथ को समर्पित होने की वजह से इस माह का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। हर साल शिव भक्त बेसब्री से इस पावन महीने का इंतजार करते हैं।

Update: 2022-06-22 04:47 GMT

हिंदू धर्म में सावन माह को बहुत ही पवित्र माना गया है। भगवान भोलेनाथ को समर्पित होने की वजह से इस माह का महत्व और अधिक बढ़ जाता है। हर साल शिव भक्त बेसब्री से इस पावन महीने का इंतजार करते हैं। सावन माह में भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस पूरे माह में शिव शम्भू की विशेष पूजा अर्चना की जाती है, लेकिन सावन में पड़ने वाले प्रत्येक सोमवार का अलग ही महत्व होता है। ऐसी मान्यता है कि इस माह में जो व्यक्ति सोमवार के व्रत रखता है, भोलेशंकर उसकी मनोकामना पूर्ण करते हैं। हिंदू धर्म में भगवान शिव शंकर को सभी देवों में सबसे उच्च स्थान प्राप्त है, इसलिए वे देवाधिदेव महादेव कहलाते हैं। वे कालों के भी काल महाकाल हैं। इनकी कृपा से बड़ा से बड़ा संकट भी टल जाता है। भगवान शिव को मनुष्य तो क्या देवी-देवता, सुर-असुर, सभी पूजते हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि इस साल सावन माह में कितने सोमवार पड़ेंगे और उनकी तिथि क्या है...

इस दिन पड़ रहा है सावन का पहला सोमवार

इस साल सावन माह की शुरुआत 14 जुलाई 2022 गुरुवार से हो रही है। साथ ही 12 अगस्त 2022 को सावन मास समाप्त हो जाएगा। इस साल सावन माह में कुछ चार सोमवार पड़ रहे हैं।

सावन का पहला सोमवार - 18 जुलाई 2022, सोमवार

सावन का दूसरा सोमवार - 25 जुलाई 2022, सोमवार

सावन का तीसरा सोमवार - 01 अगस्त 2022 सोमवार

सावन का अंतिम सोमवार - 08 अगस्त 2022, सोमवार

सावन का महत्व और पूजा विधि

धार्मिक मान्यता के अनुसार, सावन का महीना भगवान शिव की पूजा-अर्चना के लिए खास होता है। कहा जाता है कि जो व्यक्ति सावन के प्रत्येक सोमवार को व्रत रखकर भगवान शिव की उपासना करता है, उसकी हर इच्छा पूरी होती है।

सावन में सोमवार के दिन पूजा करने के लिए सुबह जल्दी उठ जाएं और स्नान आदि से निवृत्त होने के बाद साफ वस्त्र धारण करें। फिर अपने दाहिने हाथ में जल लेकर सावन सोमवार व्रत एवं पूजा का संकल्प करें और सभी देवी-देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें।

पूजा के दौरान ओम नमः शिवाय मंत्र का उच्चारण करते हुए शिव जी का जलाभिषेक करें। उनको अक्षत, सफेद फूल, सफेद चंदन, भांग, धतूरा, गाय का दूध, धूप, पंचामृत, सुपारी, बेलपत्र चढ़ाएं और चंदन का तिलक लगाएं।

सावन सोमवार व्रत के दिन सोमवार व्रत कथा अवश्य पढ़े तथा अंतिम में उनकी आरती करें। प्रसाद के रूप में भगवान शिव को घी शक्कर का भोग लगाएं।


Tags:    

Similar News

-->