सनातन धर्म में वास्तु शास्त्र का विशेष महत्व है। गृह निर्माण से लेकर प्रवेश तक वास्तु नियमों का पालन किया जाता है। गृह प्रवेश के बाद डेकोरेशन के समय भी वास्तु नियमों का पालन करना जरूरी है। इसके अलावा, घर में रखी हर एक चीज के लिए वास्तु नियम अनिवार्य है। इन नियमों का पालन करने से घर में सुख और समृद्धि बनी रहती है। वहीं, लापरवाही बरतने से जीवन में मुश्किलें आ सकती हैं। साथ ही धन का भी नुकसान होता है। अगर आप चकला बेलन खरीदने की सोच रहे हैं, तो इन बातों का जरूर ध्यान रखें। आइए जानते हैं-
-वास्तु जानकारों की मानें तो चकला-बेलन के इस्तेमाल के बाद तुरंत पानी से साफ करें और सुखाकर रखें। चकला बेलन को गंदा नहीं रखना चाहिए। रोजाना इस्तेमाल के बाद अन्य बर्तनों की तरह चकला बेलन को भी धोएं। चकला-बेलन को गंदा रखने से वास्तु दोष लगता है। इससे मां अन्नपूर्णा यानी मां पार्वती रुष्ट होती हैं।
-अगर आप चकला बेलन खरीदने को सोच रहे हैं, तो गुरुवार का दिन शुभ होता है। इस दिन चकला बेलन खरीदने से घर में सुख और समृद्धि आती है। इसके अलावा, बुधवार के दिन भी चकला-बेलन की खरीदारी कर सकते हैं। हालांकि, मंगलवार और शनिवार के दिन भूलकर भी चकला बेलन की खरीदारी न करें। इससे वास्तु दोष लगता है।
-वास्तु जानकारों का कहना है कि चकला-बेलन खरीदते समय एक चीज का अवश्य ध्यान रखें कि चकला-बेलन कहीं से भी ऊंचा नीचा न रहें। अगर रोटी बनाते समय चकले से आवाज निकलती है, तो वास्तु दोष लगता है। इसके लिए चकला-बेलन खरीदते समय इन बातों का जरूर ध्यान रखें।
-चकला-बेलन का इस्तेमाल करते समय समतल फर्श पर रखें। अगर रोटी बनाते समय फर्श की वजह या चकला-बेलन की वजह से आवाज निकलती है, तो घर में वास्तु लगता है। इससे पारिवारिक कलह होती है। साथ ही आर्थिक तंगी भी आती है।