पापमोचिनी एकादशी पर बन रहे ये दो शुभ योग, जानिए सिद्धि और साध्य योग का महत्व

हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है

Update: 2022-03-28 03:56 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हिंदू धर्म में एकादशी तिथि को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को पापमोचिनी एकादशी कहा जाता है। इस साल पापमोचिनी एकादशी आज यानी 28 मार्च, सोमवार को है। खास बात यह है कि पापमोचिनी एकादशी के दिन ग्रहों की स्थिति से दो शुभ संयोग बन रहे हैं।

कितने बजे तक रहेगी एकादशी तिथि-
हिंदू पंचांग के अनुसार, 28 मार्च 2022 को शाम 04 बजकर 15 मिनट तक एकादशी तिथि रहेगी। इसके बाद द्वादशी तिथि शुरू हो जाएगी।
पापमोचिनी एकादशी पर बन रहे ये दो शुभ योग-
पापमोचिनी एकादशी पर सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है। सिद्धि योग शाम 05 बजकर 40 मिनट तक रहेगा। इसके बाद साध्य योग लग जाएगा।
सिद्धि व साध्य योग का महत्व-
सर्वार्थ सिद्धि योग बेहद शुभ योग माना जाता है। मान्यता है कि इस योग में किया गया कोई भी शुभ कार्य सफल जरूर होता है। सवार्थ सिद्धि योग किसी अशुभ योग के दुष्प्रभाव को भी समाप्त कर देता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, किसी से विद्या या कोई विधि सीखनी हो तो साध्य योग अति उत्तम है। इस योग के प्रभाव से जातक को हर प्रकार का सांसारिक सुख प्राप्त होता है।
आज के शुभ मुहूर्त-
ब्रह्म मुहूर्त- 04:43 ए एम से 05:29 ए एम
अभिजित मुहूर्त- 12:02 पी एम से 12:51 पी एम
विजय मुहूर्त- 02:30 पी एम से 03:19 पी एम
गोधूलि मुहूर्त-06:24 पी एम से 06:48 पी एम।
अमृत काल- 01:29 ए एम, मार्च 29 से 03:01 ए एम।
सर्वार्थ सिद्धि योग-06:16 ए एम से 12:24 पी एम
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