इन चीजों से मिलती है पल भर की खुशी, दूर रहने में ही है फायदा
आचार्य चाणक्य की अर्थ और ज्ञान से भरपूर नीतियां आज भी समाज और परिवार में जीने के सलीके सिखाती हैं। आचार्य चाणक्य श्रेष्ठ विद्वान, एक अच्छे शिक्षक के अलावा एक कुशल कूटनीतिज्ञ, रणनीतिकार और अर्थशास्त्री भी थे।
आचार्य चाणक्य की अर्थ और ज्ञान से भरपूर नीतियां आज भी समाज और परिवार में जीने के सलीके सिखाती हैं। आचार्य चाणक्य श्रेष्ठ विद्वान, एक अच्छे शिक्षक के अलावा एक कुशल कूटनीतिज्ञ, रणनीतिकार और अर्थशास्त्री भी थे। चाणक्य की नीतियां देशभर में प्रसिद्ध हैं। चाणक्य की नीतियों के जरिए कोई भी इंसान अपने जीवन के बेहतरीन बना सकता है। चाणक्य ने अपनी नीति में धर्म-अधर्म, कर्म, पाप-पुण्य के अलावा सफलता के भी कई मंत्र बताए हैं। आचार्य चाणक्य ने समयकालीन अनुभवों के आधार पर आकलन करते हुए पैसे, सेहत, बिजनेस, दांपत्य जीवन और समाज से जुड़े कई मामलों पर अपने विचार व्यक्त किए हैं। इन विचारों को उन्होंने अपने नीति शास्त्र में उतारा है जिसे सभी चाणक्य नीति के नाम से जानते हैं। ये नीतियां संकट के समय में सभी को उबारती हैं और सही सलाह देती हैं। इसी कड़ी में आचार्य चाणक्य ने उन बातों की जिक्र किया है जिनसे हमें कुछ ही पलों के लिए आनंद मिलता है परंतु थोड़े समय बाद ही ये चीजें नष्ट हो जाती हैं। आचार्य चाणक्य ने भी अपनी एक नीति में चार ऐसी ही चीजों के बारे में बताया है। आइए जानते हैं क्या है वो चीजें-
अक्सर आपने देखा होगा जब भी आकाश में बादल आते हैं तो उसकी छाया बहुत सुकून देती है पर परंतु यह छाया पल भर का सुकून देती है। लेकिन यह बादल धूप छांव का खेल खेलते हुए पल भर का आनंद देते हुए लुप्त हो जाते हैं। आचार्य चाणक्य इस के अनुसार यही बताना चाहते हैं जो बातें पल भर का सुकून देती हैं उस पर कभी भी समझदार इंसान आश्रित नहीं रहता है।
आचार्य चाणक्य कहते हैं कि बुरे व्यक्ति की न दोस्ती अच्छी होती है न ही दुश्मनी। ऐसे लोगों से जितना दूर रह सकते हैं उतनी ही भलाई है। यदि किसी बुरे व्यक्ति की सेवा करके कोई लाभ प्राप्त किया गया है तो वह भी पलभर का ही आनंद देता है। वह आपकी सेवा से पलभर के लिए खुश होंगे लेकिन जैसे ही आपने कुछ लाभ की आशा राखी तो वह आपको बुरा भला बोलने लगेंगे।
आचार्य चाणक्य के अनुसार यदि कोई व्यक्ति बुरे व्यक्ति के प्रेम में नहीं पड़ना चाहिए। यदि कोई व्यक्ति दुष्ट स्वभाव का है ऐसे लोग पलभर में ही प्रेम भूलकर दुष्टता कर सकते हैं। यदि लंबे समय तक सुखी रहना चाहते हैं तो इन लोगों के क्षणिक प्रेम में नहीं उलझना चाहिए और इनसे दूर रहना चाहिए।
आचार्य चाणक्य के अनुसार तिनके में लगी आग पल भर का सुख दे सकती है। तिनके की आग क्षण भर के लिए जलती है और फिर बुझ जाती है।