पूजा के लिए अनुचित हैं ये स्थान, भूलकर भी ना बनवाएं मंदिर

Update: 2023-07-17 12:37 GMT
वास्तुशास्त्र हम सभी के जीवन में अहम भूमिका अदा करता हैं इसमें व्यक्ति के जीवन से जुड़ी हर एक चीज़ को लेकर नियम और उसके रख रखाव के बारे में विशेष जानकारी प्रदान की गई हैं। वास्तुशास्त्र में घर की रसोई से लेकर पूजा घर तक के लिए नियम और इसकी दिशा व स्थान के बारे में बताया गया हैं जिसके अनुसार चलने से व्यक्ति को लाभ ही लाभ मिलता हैं लेकिन इनकी अनदेखी समस्याओं को पैदा कर सकती हैं।
 ऐसे में अगर आप पूजा घर या फिर घर में एक छोटा सा मंदिर बनवाने का विचार बना रहे हैं तो इससे पहले कुछ वास्तु नियमों के बारे में जान लेना आपके लिए बेहतर होगा। वरना आपको परेशानियों का सामना करना पड़ सकता हैं, तो आज हम आपको बता रहे हैं कि किन जगहों पर पूजन स्थल बनवाना शुभ नहीं होता हैं।
 पूजन स्थल से जुड़े नियम—
वास्तुशास्त्र के अनुसार घर का मंदिर कभी भी बेडरुम में नहीं बनवाना चाहिए। लेकिन अगर आपको किसी कारण यहां पर बनवाना भी पड़ रहा हैं तो ऐसे में आप उत्तर पूर्व दिशा में बनवा सकते हैं। मगर गलती से भी नैऋत्य कोण में पूजा स्थल नहीं बनवाना चाहिए। माना जाता हैं कि अगर यहां पर पूजा घर बनवाया जाए तो जीवन में परेशानियों का सामना करना पड़ता हैं। इसके अलावा सीढ़ियों के नीचे भी पूजा रुक नहीं होना चाहिए।
 वास्तु की मानें तो इसे अशुभ माना गया हैं। यहां पर मंदिर होने से घर में क्लेश बढ़ जाता हैं। इसके साथ ही मंदिर में कभी भी मां दुर्गा और श्री गणेश जी की तीन प्रतिमाएं नहीं रखनी चाहिए। साथ ही पूजन स्थल में सभी चीजें एक ही होनी चाहिए। दो की संख्या में कोई भी चीज नहीं होनी चाहिए वरना इससे मन में हर वक्त अशांति बनी रहती हैं। वास्तु कहता हैं कि बेसमेंट में भी पूजा घर का निर्माण नहीं करना चाहिए। क्योंकि यहां पर पूजा करने को कोई फल नहीं मिलता हैं।
 
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