Pitru Paksha ज्योतिष न्यूज़ : सनातन धर्म में साल के 16 दिन पूर्वजों को समर्पित होते हैं जिन्हें पितृपक्ष के नाम से जाना जाता है इस दौरान लोग अपने पूर्वजों को याद करते हैं और उनका श्राद्ध, तर्पण व पिंडदान करते हैं माना जाता है कि ऐसा करने से पूर्वजों का आशीर्वाद मिलता है इस साल पितृपक्ष का आरंभ 17 सितंबर से होने जा रहा है और इसका समापन 2 अक्टूबर को हो जाएगा।
इन 16 दिनों के लिए पूर्वज मृत्युलोक से धरती पर आते हैं और वंशजों द्वारा श्राद्ध तर्पण प्राप्त कर उनके सुख समृद्धि का आशीर्वाद देकर वापस पितृ लोक लौट जाते हैं इस दौरान कई ऐसे काम होते हैं जिन्हें करना वर्जित माना गया है मान्यता है कि पितृपक्ष के दिनों में अगर इन कार्यों को किया जाए तो पूर्वज नाराज़ हो सकते हैं और व्यक्ति को कंगाल व गरीब भी बना सकते हैं तो आज हम आपको उन्हीं कार्यों के बारे में बता रहे हैं।
पितृपक्ष के दिनों में न करें ये काम—
पितृपक्ष के 15 दिनों में भूलकर भी पूर्वजों का अपमान नहीं करना चाहिए और न ही उन्हें अपशब्द कहें। ऐसा करने से वे नाराज़ हो सकते हैं जिसका आपको दंड भुगतना पड़ सकता है इसके अलावा श्राद्ध पक्ष के दिनों में किसी भी तरह का शुभ कार्य नहीं करना चाहिए इस दौरान शादी विवाह, सगाई, मुंडन, गृह प्रवेश, नए कारोबार का आरंभ नहीं करना चाहिए
इससे अशुभ फलों की प्राप्ति होती है इस दौरान ना तो कोई शुभ आयोजन करें ना ही नए वसत्र, गहने, फर्नीचर आदि अन्य सामानों की खरीदारी करनी चाहिए। ऐसा करने से पाप लगता है। पितृपक्ष के दिनों में तामसिक चीजों का सेवन करने से बचना चाहिए इस दौरान मांस मदिरा, लहसुन प्याज का सेवन न करें। इसके अलावा बाल नहीं कटवाना चाहिए और ना ही दाढ़ी बनवाना चाहिए।