चावल के इन उपायों से दूर होगी आप की घर की दरिद्रता

चावल बहुत पूजनीय होता है क्योंकि पूजा के सभी कार्यों में इनका इस्तेमाल किया जाता है।

Update: 2021-04-02 16:45 GMT

चावल के इन उपायों से दूर करें घर की दरिद्रता

आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी में अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं लेकिन फिर भी कोई न कोई कमी रह जाती है लेकिन कुछ लोग ऐसे होते हैं, जो कम मेहनत करते हैं फिर भी अपनी जिंदगी को ऐशो आराम के साथ व्यतीत करते हैं। ज्योतिष शास्त्र में बताया गया है कि कभी-कभी ग्रह संबंधी बाधाओं के कारण धन संबंधित समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में इन समस्याओं से मुक्ति के लिए कुछ उपाय बताए गए हैं। इन उपायों को अपनाकर हर तरह की समस्याओं से मुक्ति पा सकते हैं। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में….
घर की दरिद्रता होती है दूर
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, चावल बहुत पूजनीय होता है क्योंकि पूजा के सभी कार्यों में इनका इस्तेमाल किया जाता है। चावल को अक्षत भी कहा जाता है और अक्षत का अर्थ होता हा अखंडित। तिलक लगाने के बाद चावल लगाया जाता है। बताया जाता है कि ऐसा करने से घर की दरिद्रता दूर होती है। चावल का संबंध चंद्रमा से भी माना जाता है और ज्योतिष के इन उपायों को आजमाकर कुंडली में चंद्रमा की स्थिति को मजबूत कर सकते हैं। जिससे वह शुभ फल देने लगते हैं और जीवन में धीरे-धीरे सभी समस्याओं का अंत हो जाता है।
धन प्राप्ति के बनते हैं योग
पैसों की तंगी से परेशान हैं तो सोमवार के दिन आधा किलो चावल शिवलिंग के पास बैठकर एक-एक मुट्ठी चढ़ाएं। बचे हुए चावल को किसी जरूरतमंद को दान कर दें। ऐसा लगातार आप पांच सोमवार तक करते रहें। ध्यान रहे कि शिवलिंग पर चढ़ाए जाने वाले चावल साबुत होने चाहिए न कि टूटे। टूटे हुए चावल किसी भी देवी-देवता पर नहीं चढ़ाने चाहिए। इस उपाय धन प्राप्ति के योग बनना शुरू हो जाएंगे।
नौकरी व व्यवसाय की समस्या होती है दूर
अगर आप ऑफिस में किसी बात से परेशान हैं या फिर आपको नए अवसर नहीं मिल रहे हैं तो मीठे चावल बनाकर कौवों को खिला दें। ऐसा करने से नौकरी व व्यवसाय में आपकी समस्याओं का अंत हो जाएगा और ऑफिस में प्रमोशन भी मिल जाएगा।
जीवन की अस्थिरता होती है दूर
अगर आपके बने बनाए कार्य अटक जाते हैं तो कई बार ऐसी समस्याएं पितृदोष के कारण भी होती हैं। ऐसे में आप चावल की खीर बनाएं और उसे रोटी के साथ अमावस्या के दिन कौवों को खिला दें। पितरों को खीर बहुत पसंद होती है। ऐसा करने से आपको पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होगा और आपके अटके हुए कार्य आसानी से पूरे हो जाएंगे। इसके साथ ही आपके यश व सम्मान में वृद्धि होगी और जीवन से अस्थिरता भी दूर होगी।
माता लक्ष्मी का मिलता है आशीर्वाद
माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए आप किसी शुभ मुहूर्त या फिर पूर्णिमा के दिन लाल रंग के रेशमी कपड़े में 21 अखंडित चावल बांध लें। ध्यान रहे कि उन चावलों को हल्दी से पीला कर लें। फिर माता लक्ष्मी की विधिपूर्वक चौकी बनाएं और मां की तस्वीर के साथ लाल कपड़े में बंधे चावल रख दें। फिर उनकी पूजा करें और कनकधारा स्तोत्र का पाठ करें। इसके बाद कुछ चावल अपने पर्स में रख लें और कुछ चावल जहां आप धन रखते हैं, जैसे अलमारी या तिजोरी में रख दें। ऐसा करने से धन संबंधित मामलों में आ रही रुकावटें दूर होंगी और माता लक्ष्मी का आशीर्वाद भी मिलेगा।
कुंडली में चंद्रमा की स्थिति होती है मजबूत
अगर चंद्रमा अशुभ फल दे रहा है तो अपनी माता से एक मुट्ठीभर चावल विधिपूर्वक दान में ले लें। वहीं आप नवरात्र के तीसरे दिन कन्याओं को केसरिया चावल दान में दे दें या फिर उनको उन्हीं चावलों की खीर बनाकर खिला सकते हैं। ऐसा करने से धन प्राप्ति के योग बनते हैं और कुंडली में चंद्रमा की स्थिति भी मजबूत होती है।
आर्थिक समस्याएं होती हैं खत्म
मनोकामना पूर्ति के लिए शुक्रवार की रात 10 बजे के बाद घर की उत्तर दिशा में एक चौकी रख लें फिर उस पर एक कलश रख दें। कलश पर केसर से स्वास्तिक का चिन्ह बनाकर उसमें पानी भर दें। फिर उसमें दूर्वा, चावल और एक रुपया रख दें। फिर एक छोटी प्लेट लें और उसमें चावल भरकर कलश के ऊपर रख दें। फिर श्रीयंत्र की स्थापना करें और चौमुखी दीपक जलाकर कुमकुम और चावल से पूजन करें और लक्ष्मी स्तोत्र का पाठ करें। ऐसा करने से आर्थिक समस्याएं खत्म होती हैं और मनोकामना की पूर्ति होती है।


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