ग्रंथों में ल‍िखे ये मंत्र गंभीर बीमार‍ियों से भी द‍िला सकते हैं राहत

ये मंत्र हैं बहुत काम के जान लें आप भी

Update: 2021-05-21 17:29 GMT

हमारे ग्रंथों में हर समस्‍या का समाधान म‍िलता है। फ‍िर चाहे वह कर‍ियर संबंधी प्रॉब्‍लम हो, धन-धान्‍य संबंधी हो या फ‍िर सेहत संबंधी हों। इस आर्टिकल में हम ऐसे ही कुछ मंत्रों की जानकारी शेयर कर रहे हैं ज‍िन्‍हें लेकर मान्‍यता है क‍ि अगर सच्‍चे मन से इनका जप क‍िया जाए तो गंभीर से गंभीर बीमार‍ियां भी ठीक हो सकती हैं। लेक‍िन ध्‍यान रखें क‍ि इन मंत्रों के जप के दौरान दवाइयां खाना या फ‍िर च‍िक‍ित्‍सीय सलाह को फॉलो करना ब‍िल्‍कुल भी नजरअंदाज न करें। आइए जानते हैं…

गंभीर रोग से राहत द‍िला सकता है यह मंत्र
ज्‍योत‍िषशास्‍त्र के अनुसार अगर कोई जातक गंभीर बीमारी से जूझ रहा हो तो उसे न‍ियम‍ित्र रूप से गायत्री मंत्र 'ऊं भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि। धियो यो न: प्रचोदयात्' का जप करना चाह‍िए। ध्‍यान रखें प्रतिदिन कम से कम पांच माला और अधिक से अधिक आठ माला जप पूरी श्रद्धा और न‍िष्‍ठा के साथ करें। मान्‍यता है क‍ि इस मंत्र जप से गंभीर से गंभीर बीमार‍ियों से राहत म‍िल सकती है।
यह मंत्र भी द‍िलाता है स्‍वास्‍थ्‍य लाभ
ज्‍योत‍िषशास्‍त्र के अनुसार स्‍वास्‍थ्‍य लाभ के ल‍िए न‍ियम‍ित रूप से दुर्गा सप्‍तशती में बताये गए मंत्र का जप करें। न‍ियम‍ित रूप से सुबह-सवेरे न‍ित्‍य कर्मों से न‍िवृत्‍त होकर ऊन से बना आसन ब‍िछाकर मां दुर्गा के सामने मंत्र ' देहि सौभाग्यमारोग्यं, देहि मे परमं सुखं। रूपं देहि, जयं देहि, यशो देहि, द्विषो जह‍ि' का जप करें। इस मंत्र का जप 108 बार करें। साथ ही देवी मां से प्रार्थना करें क‍ि वह आपको अच्‍छी सेहत का वरदान दें।
यह मंत्र द‍िलाता है हृदय रोगों से राहत
ज्‍योत‍िषशास्‍त्र के अनुसार अगर क‍िसी को हृदय रोग की समस्‍या हो तो दवाइयों के साथ मंत्र जप भी करना चाह‍िए। इसके ल‍िए ऋगवेद मंत्र ' क्क घन्नघ मित्रामहः आरोहन्नुत्तरां दिवम्। हृद्रोग मम् सूर्य हरि मांण् च नाश्यं' का जप करें। लेक‍िन ध्‍यान रखें क‍ि इस मंत्र का जप प्रातःकाल प्रतिदिन सूर्योदय के समय सूर्यदेव के सामने मुख करके उक्त मंत्र का 108 बार क‍िया जाना चाह‍िए।
नीरोग रहने के ल‍िए जपें ये मंंत्र
ज्‍योत‍िषशास्‍त्र के अनुसार न‍ियम‍ित रूप से 'क्क जूं सः माम्पालय पालय सः जूं क्क' मंत्र का जप क‍िया जाए तो जातकों को आरोग्‍य म‍िलता है। लेक‍िन ध्‍यान रखें मंत्र जप ऊन के आसन पर उत्‍तर द‍िशा की ओर मुख करके ही करें। मंत्र जप से पहले घी का दीपक जला लें और शिवजी का पूजन करें। इसके बाद रुद्राक्ष की माला से एक माला जप करें। मान्‍यता है इस मंत्र के जप से भोलेनाथ की कृपा होती है। साथ ही सभी तरह की शारीरिक व्याधियां दूर हो जाती हैं।
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