जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Chanakya Niti in Hindi: चाणक्य नीति में जीवन से जुड़े हर पहलू को लेकर महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं. चाणक्य नीति जीवन को सुखी बनाने का तरीका भी बताती है और दुखों से निपटने के गुर भी बताती है. जीवन में सुख-दुख दोनों ही लगे रहते हैं ऐसे में चाणक्य नीति की ये बातें बहुत काम आती हैं. चाणक्य नीति में ऐसी घटनाओं का उल्लेख भी किया गया है, जिनमें से किसी एक का भी घटित होना व्यक्ति के सौभाग्य को दुर्भाग्य में बदल देता है. आइए जानते हैं वो कौनसी घटनाएं हैं जो व्यक्ति के जीवन में मुसीबतों का अंबार लगा देती हैं.
दुखों का अंबार लगा देती हैं ये घटनाएं
आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र चाणक्य नीति में ऐसी परिस्थितियों के बारे में बताया है, जो जीवन को दुखों से भर देती हैं.
बुढ़ापे में जीवनसाथी का साथ छूटना: पति-पत्नी को जीवनसाथी इसलिए कहा जाता है क्योंकि यही एक रिश्ता है जो जीवन भर साथ निभाता है. लेकिन उम्र के दूसरे पड़ाव में जब पति-पत्नी में से किसी एक की मृत्यु हो जाए या अन्य किसी भी कारण से उनका साथ छूट जाए तो बाकी का जीवन जीना दुश्वार हो जाता है. बिना जीवनसाथी के वृद्धावस्था गुजारना बहुत मुश्किल होता है. ऐसी स्थिति अच्छे-भले जीवन को भी दुखों और कष्टों से भर देती है.
आपका धन गलत हाथ में पहुंचना: सुखी जीवन के लिए पैसे का होना बहुत जरूरी है लेकिन जब कड़ी मेहनत से कमाया गया पैसा आपके हाथ से निकलकर गलत हाथों में पहुंच जाए तो जीवन में इससे बुरी स्थिति कुछ नहीं हो सकती. क्योंकि एक तरफ व्यक्ति अपना धन भी गंवाता है और उसका पैसा यदि गलत व्यक्ति या शत्रु के पास पहुंच जाए तो वह उसके पैसे का उपयोग उसके खिलाफ भी कर सकता है.
दूसरे के घर में रहना: यदि कभी किसी कारणवश दूसरे के घर में रहना पड़ जाए तो यह बहुत ही दुर्भाग्य की बात होती है. दूसरे के घर में रहने पर व्यक्ति न केवल दूसरे पर निर्भर हो जाता है, बल्कि उसे उसकी मर्जी से भी जीना पड़ता है. ऐसी स्थिति व्यक्ति का आत्मसम्मान भी खत्म कर देती है. इसलिए हमेशा दूसरे के घर में रहने से बचना चाहिए.