हरतालिका तीज, गणेश चतुर्थी सहित इस सप्ताह पड़ रहे हैं ये व्रत त्योहार

हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के साथ इस सप्ताह की शुरुआत हो रही है। इस सप्ताह में अगस्त माह के आखिर दो दिनों के साथ सितंबर माह की शुरुआत हो रही है।

Update: 2022-08-29 04:31 GMT

हिंदू पंचांग के अनुसार, भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि के साथ इस सप्ताह की शुरुआत हो रही है। इस सप्ताह में अगस्त माह के आखिर दो दिनों के साथ सितंबर माह की शुरुआत हो रही है। इस सप्ताह हरतालिका तीज, गणेश चतुर्थी, ऋषि पंचमी, सिद्धि विनायक व्रत, सूर्य षष्ठी व्रत, संतान सप्तमी व्रत जैसे कई बड़े तीज त्योहार पड़ रहे हैं। आइए जानते हैं इस सप्ताह पड़ने वाले सभी व्रत त्योहारों के बारे में।

साप्ताहिक व्रत त्योहार

हरतालिका तीज- 30 अगस्त, मंगलवार

पंचांग के अनुसार, भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरतालिका व्रत रखा जाता है। इसे गौरी तृतीया के व्रत भी कहा जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र के सेथा अच्छे स्वास्थ्य के लिए कामना करती हैं। इस दिन महिलाएं निर्जला व्रत रखकर मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा करती हैं।

गणेश चतुर्थी, गणेश उत्सव का आरंभ- 31 अगस्त, बुधवार

पूरे देश में भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी दिन से अगले 10 दिनों के लिए गणेश उत्सव शुरू आरंभ हो जाएगा। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश जी का जन्म हुआ था। इसी कारण इस दिन घर में गणपति बप्पा लाना शुभ माना जाता है। भक्तगण गणपति जी को घर में विधिवत तरीके से स्थापित करके विधिवत पूजा अर्चना करते हैं। इसके बाद तय समय पर उनकी विदाई करते हैं।

ऋषि पंचमी व्रत-1 सितंबर, गुरुवार

भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन ऋषि पंचमी का व्रत रखा जाता है। इस दिन किसी देवी-देवता नहीं बल्कि सप्तऋषि की पूजा करने का विधान है। यह व्रत महिलाओं के लिए काफी खास माना जाता है। इसे भाई पंचमी नाम से भी जाना जाता है। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, ऋषि पंचमी का व्रत महिलाओं के मासिक धर्म से संबंधित है। मासिक धर्म के दौरान महिलाओं को धार्मिक कार्यों में शामिल होने की मनाही होती है। अगर कोई महिला मासिक धर्म के दौरान किसी पूजा आदि में शामिल हो जाती है, तो उसे कई दोषों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में ऋषि पंचमी के दिन व्रत करके महिला हर तरह के दोषों से छुटकारा पा सकती हैं।

सूर्य षष्ठी व्रत -2 सितंबर, शुक्रवार

भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को सूर्य षष्ठी का व्रत रखा जाता है। इसे ललिता षष्ठी नाम से भी जाना जाता है। इस दिन सूर्यदेव की विधिवत पूजा करने का विधान है। माना जाता है कि इस दिन गंगा स्नान के बाद सूर्य देव को जल अर्पण करने के साथ पूजा जरूर करना चाहिए। इस व्रत को करने से आंखों संबंधी बीमारियों से बचाव हो सकता है। इसके साथ ही इस दिन लाल रंग के फूल, लाल रंग के वस्त्र, मसूर की दाल का दान करना शुभ माना जाता है।

संतान सप्तमी व्रत- 3 सितंबर, शनिवार

भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की सप्तमी तिथि वाले दिन किया जाता है। इस दिन शिव पार्वती की पूजा करने के साथ संतान की रक्षा के लिए कामना की जाती है। इस व्रत को सिर्फ दोपहर तक ही रखने का विधान है। इस दिन महिलाएं अपनी संतान की सुरक्षा, अच्छे स्वास्थ्य के लिए पूजा करती है।


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