माता के ये 5 मंदिर, इसके दर्शन से होंगे सभी कष्ट दूर जानिए मान्यता

Update: 2022-04-02 07:26 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क |  चैत्र नवरात्रि का शुभारंभ हो गया है. इस साल चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल से लेकर 11 अप्रैल तक चलने वाली है. नवरात्रि के 9 दिनों में भक्त मां दुर्गा के नौ स्वरूपों की पूजा करते हैं. माना जाता है नवरात्रि के दौरान श्रद्धा और विश्वास के साथ माता की आराधना करने से जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं. मां दुर्गा के 51 शक्तिपीठ माने गए है. उनमें से 5 खास माने जाते हैं. मान्यता है कि इस स्थान का दर्शन करने से मां की कृपा से जीवन में सुख-समृद्धि आती है.

दक्षिणेश्वर काली मंदिर, कोलकाता
दक्षिणेश्वर काली मंदिर पश्चिम बंगाल के कोलकाता के हुगली नदी के किनारे स्थित है. इस मंदिर में मां काली की मूर्ति स्थापित है. नवरात्रि के दौरान यहां माता के दर्शन के लिए भक्तों का तांता लगा रहता है.
माता ज्वाला देवी मंदिर, कांगड़ा
माता ज्वाला देवी का मंदिर हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में है. इस मंदिर में हमेशा आग की लपटें निकलती रहती हैं. इसलिए इसे ज्वाला माता मंदिर कहा जाता है. यह 51 शक्तिपीठों में से एक है.
कामाख्या मंदिर, गुवाहाटी
कामाख्या मंदिर गुवाहाटी (असम) शहर की नीलांचल पहाड़ियों पर अवस्थित है. यह मंदिर 51 शक्तिपीठों में से एक है. इस मंदिर में मां कामाख्या की मूर्ति स्थापित है. यह सिद्ध शक्तिपीठ है.
करणी माता मंदिर
करणी माता का मंदिर राजस्थान के देशनोक नामक स्थान पर स्थित है. माता के इस मंदिर को चूहों का मंदिर भी कहा जाता है. दरअसल इस मंदिर में हजारों चूहे एकत्रित होते हैं. करणी माता को मां दुर्गा का रूप माना जाता है.
नैना देवी मंदिर, बिलासपुर
नैना देवी मंदिर हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर में स्थित है. यह 51 शक्तिपीठों में से एक है. इस मंदिर में मां नैना देवी की मूर्ति स्थापित हा. मान्यता है कि इस स्थान पर माता सती की आंख गिरी थी.


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