Masik Durgashtami : गुप्त नवरात्र के तीसरे दिन बन रहे हैं ये 4 संयोग

Update: 2024-07-07 10:18 GMT
Masik Durgashtami मासिक दुर्गाष्टमी : सनातन धर्म में गुप्त नवरात्र का विशेष महत्व है। इस दौरान जगत जननी मां दुर्गा के विभिन्न रूपों की पूजा की जाती है। वहीं, तंत्र सीखने वाले साधक और मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए व्रती दस महाविद्याओं की देवियों की पूजा करते हैं। धार्मिक मत है कि मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की हर मनोकामना पूरी होती है। साथ ही घर में खुशियों का आगमन होता है। ज्योतिषियों की मानें तो गुप्त नवरात्र के तीसरे चार दुर्लभ और मंगलकारी योग बन रहे हैं। इन योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
शुभ मुहूर्त (Ashadha Gupt Navratri Shubh Muhurat)
पंचांग के अनुसार, आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पूर्ण रात्रि तक है। 09 जुलाई को आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि शुरू होगी। गुप्त नवरात्र पर जगत जननी की पूजा निशा काल में होती है। अत: साधक तृतीया तिथि पर मां दुर्गा की विशेष पूजा निशा काल में कर सकते हैं।
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर अभिजीत मुहूर्त का शुभ योग बन रहा है। इस योग का निर्माण दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से हो रहा है। वहीं, इसका समापन 12 बजकर 59 मिनट पर होगा। इस शुभ अवसर पर सर्वार्थ सिद्धि योग का भी निर्माण हो रहा है। इस योग का निर्माण ब्रह्म बेला में हो रहा है। इस योग का संयोग सुबह 05 बजकर 47 मिनट से हो रहा है। वहीं, इस योग का समापन सुबह 06 बजकर 03 मिनट पर होगा।
करण योग
आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर तैतिल करण संयोग बन रहा है। इस योग का समापन संध्याकाल 05 बजकर 29 मिनट पर हो रहा है। इसके बाद गर करण का निर्माण हो रहा है, जो पूर्ण रात्रि है। इन योग में मां दुर्गा की पूजा करने से साधक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।
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