अक्सर देखा जाता हैं कि घर में उपस्थित कुछ वास्तुदोष की वजह से कई संपन्न घरों में पारिवारिक तालमेल की स्थिति सही नहीं बैठ पाती हैं जिसके चलते आए दिन कलह की स्थिति उत्पन्न होती हैं और यह संतान सुख में भी रूकावट डाल सकता है। ऐसे में जरूरी हैं की इन वास्तुदोष की पहचान कर इन्हें दूर करने के उपाय किए जाए और अपने जीवन की इन परेशानियों को दूर किया जाए। आज हम आपको संतान सुख में रूकावट के वास्तुदोष और इनके निवारण के टिप्स देने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इनके बारे में।
उत्तर पूर्व दिशा
घर की उत्तर पूर्व दिशा का भारी निर्माण, ईशान कोण का कटा या ऊंचा होना, सीढियां और इस दिशा में बना टॉयलेट जैसे वास्तु दोष संतान प्राप्ति में बाधा डालते हैं। ऐसे में अगर आपके घर की इस दिशा में कोई भी वास्तु दोष है तो किसी एक्सपर्ट से सलाह लें।
घर का मेन गेट
घर का मेन गेट अगर पर्जन्य पद (पद संख्या 2) में खुलता है तो इससे भी आपको संतान सुख से वंचित रहना पड़ सकता है। ऐसे में आपको वास्तु को ध्यान में रखते हुए ही मेन गेट बनवाना चाहिए।
ऐसे दूर करें वास्तु दोष
- संतान का सुख पाने के लिए कपल्स को अपने बेडरूम में हाथी का चित्र या मूर्ति रखनी चाहिए।
- इसके लिए आप कमरे में फल, अनार और जो को रखे। वास्तुशास्त्र में इसे फर्टिलिटी का कारक माना जाता है।
- बच्चे का सुख पाने के लिए पति-पत्नी का सही दिशा में सोना भी बहुत जरूरी है। इसके लिए पत्नी को हमेशा पति के बाई दिशा में सोना चाहिए।
- इस बात का ख्याल रखें कि कपल्स का बिस्तर की छत की बीम के नीचे ना हो। इससे संतान प्राप्ति में बाधा पैदा हो सकती है।
- गर्भाधारण के बाद कपल्स को दक्षिण या दक्षिण-पश्चिम दिशा के बेडरूम में चले जाना चाहिए, ताकी गर्भ सुरक्षित रहें।
- कपल्स का कमरा हमेशा उत्तर पश्चिम दिशा में होना चाहिए। वास्तु में परिवार शुरू करने वाले कपल्स के लिए इस दिशा का कमरा आदर्श स्थान माना जाता है।
- संतान से जुड़ी परेशानियों को दूर करने के लिए घर पर बच्चों के साथ बैठे लॉफिंग बुद्धा को रखना शुभ होता है।