कभी नहीं होगी पैसे की कमी, बस करिए आचार्य चाणक्य द्वारा बताए गए ये उपाय

आचार्य चाणक्य द्वारा रचित नीति ग्रंथ चाणक्य नीति में सूत्रात्मक शैली में जीवन को सुखमय एवं सफल बनाने के लिए उपयोगी सुझाव हैं। इस शास्त्र का मुख्य उद्देश्य मनुष्य को जीवन के प्रत्येक पहलू की व्यावहारिक शिक्षा देना है।

Update: 2022-03-12 03:31 GMT

 आचार्य चाणक्य द्वारा रचित नीति ग्रंथ चाणक्य नीति में सूत्रात्मक शैली में जीवन को सुखमय एवं सफल बनाने के लिए उपयोगी सुझाव हैं। इस शास्त्र का मुख्य उद्देश्य मनुष्य को जीवन के प्रत्येक पहलू की व्यावहारिक शिक्षा देना है। आचार्य चाणक्य के इस नीतिपरक ग्रंथ में जीवन-सिद्धान्त और जीवन-व्यवहार तथा आदर्श और यथार्थ का बड़ा सुन्दर समन्वय देखने को मिलता है। आचार्य चाणक्य की कही हर बात आज भी उतनी ही सही है जितनी वह उस जमाने में हुआ करती थी। चाणक्य नीति आपको अपने जीवन में कुछ भी हासिल करने में मदद करती है, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आप किस क्षेत्र में हैं। यदि आप चाणक्य नीति को पूरी तरह से पढ़ते हैं और उसका अनुसरण करते हैं, तो कोई भी आपको सफल होने से रोक नहीं सकता आप कभी भी किसी के धोखे का शिकार नहीं होंगे और जीवन में हमेशा सफलता पाएंगे। आचार्य चाणक्य ने अपने नीति शास्त्र में बच्चों, बड़ों और बुजुर्गों सबके लिए कोई न कोई सीख दी है। चाणक्य नीति में आचार्य चाणक्य ने आर्थिक स्थिति मजबूत करने के उपायों के बारे में जिक्र किया है। उन्होंने इस बात का उल्लेख किया है कि व्यक्ति किस तरह से आर्थिक रूप से सम्पन्न हो सकता है। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से-

चाणक्य नीति के अनुसार बेजुबान पक्षियों की सेवा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन संपदा की वृद्धि होती है।

आचार्य चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति पक्षियों की सेवा करता है, उनके लिए दाने-पानी की व्यवस्था करता है उसके जीवन में धन की कभी कमी नहीं होती और उसके सामने धन आने के कई रास्ते खुल जाते हैं। चाणक्य नीति के अनुसार बेजुबान पक्षियों की सेवा करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन संपदा की वृद्धि होती है।

जिन घरों में देवी देवताओं का आदर होता है उस घर के सभी आर्थिक कार्य माता लक्ष्मी स्वयं पूरे करती है। - फोटो : istock

देवी देवताओं का आदर सम्मान

जिस घर में नियमित रूप से ईश्वर का ध्यान किया जाता है, उनके समक्ष दीप प्रज्ज्वलित किया जाता है, ऐसे घरों में धन-संपत्ति की कभी कमी नहीं होती। उस परिवार के सदस्यों को कभी भी धन के अभाव की वजह से परेशानियां नहीं झेलनी पड़ती है। आचार्य चाणक्य के अनुसार जिन घरों में देवी देवताओं का आदर होता है उस घर के सभी आर्थिक कार्य माता लक्ष्मी स्वयं पूरे करती है।

जो व्यक्ति निस्वार्थ भाव से कुष्ठ रोगियों की मदद करता है, उनकी सेवा करता है उस पर धन देवता कुबेर अपनी कृपादृष्टि बनाए रखते हैं। - फोटो : amar ujala

कुष्ठ रोगियों की सेवा

आचार्य चाणक्य के अनुसार जो व्यक्ति निस्वार्थ भाव से कुष्ठ रोगियों की मदद करता है, उनकी सेवा करता है उस पर धन देवता कुबेर अपनी कृपादृष्टि बनाए रखते हैं। कुष्ठ रोगियों की मदद करने से व्यक्ति के जीवन में स्वतः ही धन आगमन के रास्ते खुल जाते हैं और इसी के परिणाम स्वरूप घर की तिजोरी भर जाती है।


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