रमजान के पाक महीने में होगी 'रहमतों की बारिश', जानिए सहरी-इफ्तार का वक्त और नियम

मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए रमजान (Ramadan 2022) का महीना काफी खास और पवित्र माना जाता है.

Update: 2022-04-01 06:30 GMT

रमजान के पाक महीने में होगी 'रहमतों की बारिश', जानिए सहरी-इफ्तार का वक्त और नियम

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। मुस्लिम समुदाय के लोगों के लिए रमजान (Ramadan 2022) का महीना काफी खास और पवित्र माना जाता है. इस पूरे महीने में लोग अल्लाह की इबादत करते हैं और रोजा रखते हैं. रमजान को इस्लामी कैलेंडर का नौवां महीना माना जाता है. इस साल रमजान का महीना 2 अप्रैल 2022 से शुरू होगा. वैसे, रमजान के महीने की शुरुआत चांद के दिखाई देने पर निर्भर करती है. माना जाता है कि इसी महीने में पैगंबर मुहम्मद (Paigambar Muhammad) के सामने इस्लाम की पवित्र किताब का अनावरण हुआ था. इसके बाद से ही इस्लाम (Islam) में इस महीने को पवित्र माना गया और रोजा रखने की परंपरा शुरू हुई. दुनियाभर में मुस्लिम समुदाय के लोगों को इस पवित्र महीने का इंतजार रहता है. रमजान के ठीक बाद ईद उल फितर (Eid-ul-Fitar) आता है.

रमजान 2022 डेट (Ramadan 2022 Date)
इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक, रमजान का महीना पूरे एक माह का होता है. इस साल रमजान का महीना 2 अप्रैल 2022 से शुरू होगा और 1 मई 2022 को खत्म होगा. इसके अगले दिन ईद मनाई जाएगी. हालांकि, रमजान की डेट पूरी तरह से चांद पर निर्भर करती है. मजान का महीना कभी 29 दिन का तो कभी 30 दिन का होता है.
रमजान और रोजा (Ramadan and Roja)
रमजान के दौरान मुस्लिम समुदाय के लोग पूरे एक महीने तक रोजा रखते हैं. मुस्लिम लोग इस दौरान सूरज उगने के बाद से रोजा रखते हैं और सूरज ढलने के बाद इसे खोलते हैं. सूरज उगने से पहले खाना खाते हैं इसे सहरी के नाम से जाना जाता है. सूरज ढलने के बाद नमाज पढ़ी जाती है जिसके बाद रोजा खोला जाता है. इसे इफ्तार के नाम से जाना जाता है. सभी लोगों के लिए रमजान के दौरान रोजा रखना अनिवार्य माना जाता है. सिर्फ नवजात बच्चों, महिलाओं, गर्भवती औरतों और माहवारी के दौरान महिलाओं को रोजा ना रखने की छूट होती है. इसके अलावा जो लोग बीमार हैं उन्हें भी रोजा ना रखने की छूट होती है.
रोजा रखने के नियम (Ramadan Roja Rules)
रमजान के दौरान, मुसलमानों से उम्मीद की जाती है कि वे अपने आध्यात्मिक स्तर को ऊंचा करें और ईश्वर के प्रति समर्पण का भाव रखें. ऐसे में रमजान के दौरान कुछ नियमों का पालन करना काफी जरूरी होता है.
- रोजे का मतलब सिर्फ अल्लाह के नाम पर भूखे-प्यासे रहना ही नहीं है.
- इस्लाम में कहा गया है कि रोजे की हिफाजत जुबान से करनी चाहिए.
- इस दौरान आंख, कान और जीभ का भी रोजा रखा जाता है.
- इसका मतलब ये है कि कुछ बुरा न देखें, न बुरा सुनें और न ही बुरा बोलें.
- रोजे के दौरान मन में बुरे विचार या शारीरिक संबंधों के बारे में सोचने की भी मनाही होती है.
- शारीरिक संबंध बनाने से रोजा टूट जाता है.
- रोजा रखने वाले को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि दांत में फंसा हुआ खाना जानबूझकर न निगलें. नहीं तो रोजा टूट जाता है.
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