भगवान शिव के दो व्रतों का पुण्य लाभ प्राप्त करने का अवसर है,जानें प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि कब है?

माघ माह का प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि एक ही दिन हैं.

Update: 2022-01-26 02:59 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। माघ मास (Magh Month) में आपको एक ही दिन भगवान शिव (Lord Shiva) के दो व्रतों का पुण्य लाभ प्राप्त करने का अवसर है. माघ माह का प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि (Masik Shivratri) एक ही दिन हैं. ऐसे जो प्रदोष व्रत रखेगा, उसे मासिक शिवरात्रि व्रत का भी पुण्य मिलेगा. प्रदोष व्रत की पूजा शाम के समय में करते हैं और शिवरात्रि की पूजा रात्रि प्रहर में. इन दिन भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा अर्चना करने से मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं, जीवन में सुख, सौभाग्य, आरोग्य, धन आदि प्राप्त होता है. आइए जानते हैं कि प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि कब हैं, पूजा का मुहूर्त (Muhurat) क्या है?

प्रदोष व्रत एवं मासिक शिवरात्रि की तिथियां
पंचांग के अनुसार, माघ माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 29 जनवरी को रात 08:37 बजे से शुरु हो रही है, इसका समापन 30 जनवरी को शाम 05:28 बजे हो रहा है. ऐसे में प्रदोष पूजा मुहूर्त को देखते हुए प्रदोष व्रत 30 जनवरी दिन रविवार को है.
वहीं, माघ माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 30 जनवरी को शाम 05:28 बजे से लग रही है, ​जो 31 जनवरी को दोपहर 02:18 बजे तक रहेगी. शिवरात्रि की पूजा का मुहूर्त रात्रि प्रहर का होता है, ऐसे में माघ की मासिक शिवरात्रि भी 30 जनवरी कोहै.
इस प्रकार से माघ मा​ह का प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि एक ही दिन है. आप इस दिन व्रत रखकर इन दोनों व्रतों का लाभ पा सकते हैं.
प्रदोष व्रत 2022 पूजा मुहूर्त: 30 जनवरी, शाम 05:59 बजे से रात 08:37 बजे तक
मासिक शिवरात्रि 2022 पूजा मुहूर्त: 30 जनवरी, रात 11:38 बजे से देर रात 12:52 बजे तक
शिव पूजा विधि
प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि की पूजा के लिए आपको बेलपत्र, भांग, धतूरा, मदार का फूल, सफेद चंदन, शमी का पत्ता, सफेद फूल, शहद, गाय का दूध, गंगाजल, शक्कर, धूप, दीप, गंध आदि से भगवान शिव की विधिपूर्वक पूजा करनी चाहिए. इस दौरान ओम नम: शिवाय मंत्र का उच्चारण करना चाहिए. पूजा के अंत में प्रदोष व्रत की कथा और भगवान शिव की आरती जरूर करें.


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