गुरु पूर्णिमा के मौके पर दुनिया अनोखे चांद का करेगी दीदार

13 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा मनाया जाएगा। इस दिन चांद सबसे बड़ा नजर आने वाला है। यानि की साल 2022 की सबसे बड़ी खगोलीय घटनाओं में से एक सुपरमून 13 जुलाई को देखा जा सकता है।

Update: 2022-07-12 14:25 GMT

13 जुलाई को आषाढ़ पूर्णिमा मनाया जाएगा। इस दिन चांद सबसे बड़ा नजर आने वाला है। यानि की साल 2022 की सबसे बड़ी खगोलीय घटनाओं में से एक सुपरमून 13 जुलाई को देखा जा सकता है। बता दें कि जब चंद्रमा अपनी कक्षा में धरती के सबसे करीब होता है तब सुपरमून नजर आता है। ऐसे में गुरु पूर्णिमा के मौके पर दुनिया अनोखे चांद का दीदार करेगी। हर रोज की तुलना में इस दिन चांद आपको बहुत बड़ा, चमकीला और गुलाबी नजर आने वाला है।

कब नजर आएगा सुपरमून?
13 जुलाई को धरती और चंद्रमा के बीच की दूरी सबसे कम हो जाएगी। इस दौरान चंद्रमा की दूरी धरती से केवल 357,264 किलोमीटर रहेगी। खगोलविदों की मानें तो सुपरमून के दौरान तटीय इलाकों में तूफान भी आ सकता है। सुपरमून 13 जुलाई की रात 12 बजकर 7 मिनट पर नजर आ सकता है, तो वहीं यह अगले साल तीन जुलाई को नजर दिखाई देगा।
खुली आंखों से देखना होगा कठिन
हालांकि कुछ घंटों के बाद सुपरमून, फुलमून नजर आएगा जिसे दो से तीन दिनों तक देखा जा सकता है। लेकिन आपको बता दें कि यह फुलमून नहीं होगा, लेकिन चांद के आकार की वजह उसी तरह नजर आएगा। इस दौरान परछाई की स्ट्रिप चांद पर काफी पतली दिखाई देगी। जबकि खुली आंखों से इसको देखना थोड़ा कठिन होगा।
क्या होता है सुपरमून?
सुपरमून का मतलब यह होता है कि इस दौरान चांद अपनी आकार से ज्यादा बड़ा दिखाई देता है। इसके साथ ही चांद हर दिन से ज्यादा चमकदार नजर आता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि इस दौरान चांद और धरती की दूरी बहुत कम हो जाती है और चांद धरती के पास आ जाता है


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