सफलता के लिए वाणी की मधुरता और स्वभाव में विनम्रता जरुरी, तभी व्यक्ति बन पाता है श्रेष्ठ
सफलता के लिए वाणी की मधुरता और स्वभाव में विनम्रता जरुरी, तभी व्यक्ति बन पाता है श्रेष्ठ
जनता से रिश्ता वेबडेस्क: चाणक्य की चाणक्य नीति कहती है कि व्यक्ति को अपनी भाषा शैली और स्वभाव पर विशेष ध्यान देना चाहिए. भाषा शैली, वाणी और स्वभाव का मनुष्य के व्यक्तित्व पर बहुत बड़ा प्रभाव पड़ता है. विद्वानों लोगों का मत है कि जिस व्यक्ति की वाणी मधुर, भाषा प्रभावशाली और स्वभाव में विनम्रता होती है. वह जीवन में बहुत अधिक तरक्की करता है. गीता में भगवान श्रीकृष्ण अर्जुन को व्यक्ति के गुणों के बारे में चर्चा करते हुए कहते हैं कि व्यक्ति को अपने व्यक्तित्व को निखारने के लिए अच्छे और श्रेष्ठ गुणों को अपनाने पर जोर देना चाहिए. चाणक्य के अनुसार जिस व्यक्ति की भाषा मधुर और स्वभाव में विनम्रता होती है, वह सभी का प्रिय होता है. ऐसे व्यक्ति को हर कोई आदर सम्मान करता है तथा ऐसा व्यक्ति समाज में अनुकरणीय होता है. व्यक्तित्व को सुंदर और प्रभावशाली बनाना है तो इन बातों का ध्यान रखें-