रथ सप्तमी की कथा भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र से जुड़ी है, जाने
रथ सप्तमी को सूर्य की उपासना का दिन माना जाता है. मान्यता है कि इस दिन सूर्य की पूजा और व्रत करने से व्यक्ति रोग मुक्त होता है. यहां जानिए रथ सप्तमी से जड़ी कथा के बारे में.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। हर साल बसंत पंचमी (Basant Panchami) के बाद सप्तमी तिथि को रथ सप्तमी का पर्व मनाया जाता है. इसे सूर्य देव के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है. माना जाता है कि इसी दिन ही कश्यप ऋषि और अदिति के संयोग से भगवान सूर्य का जन्म हुआ था. सूर्य देव अपने सात घोड़े वाले रथ पर सवार होकर प्रकट हुए थे. इस कारण ये दिन रथ सप्तमी (Ratha Saptami) के नाम से जाना जाता है. रथ सप्तमी के दिन को लोगों को रोग मुक्त करने वाला और पुत्र कामना की पूर्ति करने वाला भी माना जाता है. मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र भी रथ सप्तमी के दिन ही सूर्य का तप करने के बाद रोग मुक्त हुए थे. इस कारण इस दिन को आरोग्य सप्तमी (Arogya Saptami) और पुत्र सप्तमी (Putra Saptami) के नाम से भी जाना जाता है. इस बार रथ सप्तमी 7 फरवरी 2022 को मनाई जाएगी. इस मौके पर जानिए रथ सप्तमी की व्रत कथा और महत्व के बारे में.