Amavasya की तिथि का विशेष महत्व

Update: 2024-09-01 07:22 GMT
Somvati Amavasya सोमवती अमावस्या : सनातन धर्म में प्रतिदिन किसी न किसी देवी-देवता की पूजा-अर्चना करने की परंपरा है। इसी तरह अमावस्या तिथि के दिन सृष्टि के रचयिता भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है। पंचांग के अनुसार भाद्रपद अमावस्या 2 सितंबर 2024 (सोमवती अमावस्या तिथि 2024) सोमवार को मनाई जाएगी। इस दिन सोमवार होने के कारण इसे सोमवती अमावस्या कहा जाता है। सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यता है कि इससे साधक को अपने पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
अगर आप जीवन में संतान संबंधी किसी समस्या से जूझ रहे हैं तो सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने के बाद उन्हें दही और घी का भोग लगाएं। धार्मिक मान्यता है कि इन वस्तुओं को चढ़ाने से बच्चों का सौभाग्य बढ़ता है।
इसके अलावा सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव को खीर का भोग लगाने से चंद्र दोष और पितृ दोष से राहत मिलती है। जातक को पितरों का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
सोमवती अमावस्या पर महादेव को प्रसाद में पंचामृत, शहद और मालपुआ भी शामिल किया जा सकता है। मान्यता है कि ये चीजें चढ़ाने से विवाह में आ रही बाधाएं दूर हो जाती हैं और शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।
इसके अलावा सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव को सफेद मिठाई का भोग लगाने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है। घर में सुख-शांति भी बनी रहती है।
त्वदीयं वस्तु गोविन्द तुभ्यमेव समर्पये। गृहाण सम्मुखो भूत्वा प्रसीद परमेश्वर ।।
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