कुंभ मेले में 12 अप्रैल को होगा दूसरा शाही स्नान

कुंभ मेले में सामान्य स्नान और शाही स्नान की अलग अलग तिथियां होती हैं।

Update: 2021-04-10 18:09 GMT

कुंभ मेले में सामान्य स्नान और शाही स्नान की अलग अलग तिथियां होती हैं। पहले 14 जनवरी मकर संक्रांति का स्नान निकल गया। इसी तरह 11 फरवरी मौनी अमावस्या का और 16 फरवरी वसंत पंचमी का स्नान भी निकल गया। 27 फरवरी माघ पूर्णिमा पर सामान्य स्नान है। परंतु यहां जानिए 10 स्नान में से 4 शाही स्नान की तारीखें जिसमें संत लोग खासकर स्नान करते हैं।

कुंभ मेला में शाही स्नान:
1. पहला शाही स्नान - 11 मार्च महाशिवरात्रि के दिन।
2. दूसरा शाही स्नान - 12 अप्रैल सोमवती अमावस्या।
3. तीसरा शाही स्नान - 14 अप्रैल।
4. चौथा शाही स्नान - 27 अप्रैल चैत्र पूर्णिमा।
12 और 14 अप्रैल के शाही स्नान पर आम श्रद्धालु हरकी पैड़ी के घाटों पर डुबकी नहीं लगा पाएंगे। हरकी पैड़ी पर सिर्फ अखाड़ों के संतों का स्नान होगा। बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं को पार्किंग स्थलों के नजदीक बने घाटों पर ही स्नान करवाया जाएगा। शाही स्नान पर श्रद्धालुओं से कोविड नियमों का पालन कराया जाएगा। हरकी पैड़ी क्षेत्र संतों के स्नान के लिए आरक्षित होगा। वहां कोई भी आम आदमी स्नान नहीं कर सकेगा। बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग बनाई गई हैं।
हरिद्वार में गंगा नदी में, उज्जैन में शिप्रा नदी में, नासिक में गोदावरी और प्रयाग (इलाहाबाद) में गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम स्थल पर कुंभ का आयोजन होता है। हिंदू धर्मग्रंथ के अनुसार इंद्र के बेटे जयंत के घड़े से अमृत की बूंदे भारत में चार जगहों पर गिरी- हरिद्वार, उज्जैन, नासिक और प्रयाग। उज्जैन को कुंभ को सिंहस्थ कहते हैं। धार्मिक विश्‍वास के अनुसार कुम्भ में श्रद्धापूर्वक स्‍नान करने वाले लोगों के सभी पाप कट जाते हैं और उन्‍हें मोक्ष की प्राप्ति होती है।


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