कुंडली के ग्रहों का भी भोजन पर सीधा प्रभाव पड़ता हैं, जानेंगे तो कभी नहीं खाएंगे ये चीज
ज्योतिष शास्त्र न केवल भविष्य बताता है बल्कि वह कुंडली के शुभ-अशुभ ग्रहों की स्थिति को देखते हुए जरूरी मार्गदर्शन भी देता है.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। ज्योतिष शास्त्र न केवल भविष्य बताता है बल्कि वह कुंडली के शुभ-अशुभ ग्रहों की स्थिति को देखते हुए जरूरी मार्गदर्शन भी देता है. यह बताता है कि किस ग्रह की कैसी स्थिति होने पर क्या काम करने चाहिए और किन कामों से बचना चाहिए. बहुत कम लोग जानते होंगे कि हमारे कर्मों की तरह हमारा भोजन तक कुंडली के ग्रहों पर असर डालता है. यदि लोग ग्रहों को मजबूती देने वाली चीजों का सेवन ज्यादा करेंगे तो इससे उन्हें लाभदायक नतीजे मिलेंगे. जबकि गलत चीजें खाने से जिंदगी नकारात्मकता से भर जाएगी.
फूड एस्ट्रोलॉजी बताती है क्या खाएं
खाने से ग्रहों पर होने वाले असर की व्याख्या करने वाली ज्योतिष शास्त्र की शाख को फूड एस्ट्रोलॉजी कहा जाता है. इसके मुताबिक व्यक्ति के द्वारा ग्रहण किया गया भोजन उसके ग्रहों पर अनुकूल या प्रतिकूल असर डालता है. इसलिए फूड एस्ट्रोलॉजी में हर राशि के मुताबिक भोजन सुझाए गए हैं.
कौनसा भोजन है सबसे अच्छा
श्रीमद्भगवत गीता में भी भोजन के बारे में काफी अहम बातें बताईं गईं हैं. इसके मुताबिक भोजन 3 तरह का होता है, सात्विक, राजसिक और तामसिक. इन भोजन को ग्रहण करने से होने वाले शारीरिक और मानसिक असर भी अलग-अलग हैं. सात्विक भोजन व्यक्ति को अध्यात्म और सुकून की ओर ले जाता है. उसे शांतिप्रय जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है. जबकि तामसिक भोजन उसे अशांत और हिंसक बनाता है. यह उसकी शरीर की ऊर्जा को नकारात्मक बनाता है. इसलिए धर्म-शास्त्रों से लेकर ज्योतिष आदि में सात्विक भोजन करने को ही प्राथमिकता दी गई है.
शनि-राहु देते हैं बुरा फल
जिन लोगों की कुंडली में शनि-राहु अच्छी स्थिति में न हों या शनि की महादशा चल रही हो उन लोगों को गलती से भी तामसिक भोजन यानी कि नॉनवेज-शराब का सेवन नहीं करना चाहिए. यह उनकी जिंदगी को बदतर बना सकता है. ऐसी स्थिति में व्यक्ति को कई बीमारियों, तनाव और धन हानि का सामना करना पड़ता है. इतना ही मांसाहार का सीधा असर कुंडली के अन्य ग्रहों की स्थिति पर भी पड़ता है जिससे आपके भविष्यफल में नकारात्मक परिवर्तन आ सकते