कुंभ राशि वालों पर चल रहा शनि साढ़ेसाती का सबसे कष्टकारी चरण

ज्योतिष शास्त्र में शनि राशि परिवर्तन को काफी अहम माना गया है। शनि को न्याय देवता कहा जाता है। यह हर जातक को उसके कर्मों के हिसाब से फल प्रदान करते हैं। अच्छे कर्म करने वालों को ग्रहों के न्यायाधीश शुभ फल देते हैं

Update: 2022-09-25 03:46 GMT

ज्योतिष शास्त्र में शनि राशि परिवर्तन को काफी अहम माना गया है। शनि को न्याय देवता कहा जाता है। यह हर जातक को उसके कर्मों के हिसाब से फल प्रदान करते हैं। अच्छे कर्म करने वालों को ग्रहों के न्यायाधीश शुभ फल देते हैं और बुरे कर्मों में लिप्त जातकों को दंडित करते हैं। वर्तमान में शनि की प्रिय राशियों में से एक कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव है। जानें कुंभ राशि वालों पर चल रहा साढ़ेसाती का कौन-सा चरण व कब मिलेगी मुक्ति-

कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण-

शनि 29 अप्रैल 2022 को अपनी राशि बदल चुके हैं। बीते 29 अप्रैल को शनि ने मकर राशि से कुंभ राशि में प्रवेश किया था। जिसके बाद कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का सबसे कष्टदायी यानी दूसरा चरण शुरू हो गया था। शनि अगले ढाई साल तक कुंभ राशि में रहेंगे।

वर्तमान में शनि की स्थिति-

शनि कुंभ राशि में प्रवेश करने के बाद 12 जुलाई 2022 को वक्री अवस्था में पुन: मकर राशि में प्रवेश कर गए थे। शनि 17 जनवरी 2023 को फिर से कुंभ राशि में वापस आ जाएंगे। जिसके बाद कुंभ राशि वालों के कष्ट बढ़ सकते हैं।

शनि की साढ़ेसाती से कुंभ राशि वालों को कब मिलेगी मुक्ति-

शनि के मकर राशि में होने के कारण वर्तमान में धनु, मकर व कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है। जबकि मिथुन व तुला राशि वालों पर ढैय्या का प्रभाव है। कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती 24 जनवरी 2022 से शुरू हुई थी। इससे मुक्ति 03 जून 2027 को मिलेगी। लेकिन शनि की महादशा से कुंभ राशि वालों को 23 फरवरी 2028 को शनि के मार्गी होने पर छुटकारा मिलेगा। यानी कुंभ राशि वालों को 23 फरवरी 2028 को शनि की साढ़ेसाती से मुक्ति मिलेगी।

साढ़ेसाती के दूसरे चरण का प्रभाव-

शनि की साढ़ेसाती के दूसरे चरण में जातक को मानसिक, शारीरिक व आर्थिक कष्टों का सामना करना पड़ता है। शनि के अशुभ प्रभावों को कम करने के लिए जातक को शनिदेव से संबंधित उपायों को करने की सलाह दी जाती है।

क्रेडिट ; लाइव हिंदुस्तान 

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