पितरों की नाराजगी होगी दूर, रोजाना कर लें ये उपाय

हिंदू धर्म में हर तिथि हर दिन का विशेष महत्व है. पितृ पक्ष की शुरुआत हो चुकी हैं. 15 दिन तक चलने वाले पितृपक्ष के दौरान पितरों का स्मरण किया जाता है. उनकी आत्मा की शांति के लिए पिंडदान, तर्पण, धर्म-कर्म और दान आदि का विशेष महत्व बताया गया है. ऐ

Update: 2022-09-11 02:02 GMT

हिंदू धर्म में हर तिथि हर दिन का विशेष महत्व है. पितृ पक्ष की शुरुआत हो चुकी हैं. 15 दिन तक चलने वाले पितृपक्ष के दौरान पितरों का स्मरण किया जाता है. उनकी आत्मा की शांति के लिए पिंडदान, तर्पण, धर्म-कर्म और दान आदि का विशेष महत्व बताया गया है. ऐसी मान्यता है कि ये 15 दिन पितर धरती पर अपने वंशजों के बीच आते हैं. और उनती श्रद्धा भाव से प्रसन्न होकर वंशजों को आशीर्वाद दे जाते हैं.

पितृ पक्ष के दौरान अगर पितर नाराज हो जाते हैं तो वंशजों को दुख,दरिद्रता, धन हानि, मानसिक कष्ट आदि का आशीर्वाद देते हैं. इसलिए इन 15 दिनों नें पितरों को प्रसन्न करने के लिए हर कार्य किया जाता है, जिससे उनका आशीर्वाद पाया जा सके. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार पितरों के पूजन के समय उनकी आरती करने पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है. इस दौरान आरती में पितरों का गुणगान किया जाता है, जिससे वे प्रसन्न हो जाते हैं.

अतृप्त पितर देते हैं श्राप

धार्मिक मान्यता है कि पितरों को तृप्त न करने पर उनकी आत्मा संतुष्ट नहीं हो पाती और वे दुखी होते हैं. ऐसे में वे अपने वंशजों को श्राप देकर वापस अपने लोक लौट जाते हैं. ऐसे में व्यक्ति को पितृ दोष का सामना करना पड़ता है. इसके चलते व्यक्ति को क्लेश, काम में बाधाएं, विवाह में दिक्कतें, वैवाहिक जीवन में कलेश आदि समस्याओं का सामना करना पड़ता है.

पितृ सूक्तम पाठ है लाभकारी

अगर किसी जातक की कुंडली में पितृ दोष है, तो उसे नियमित रूप से पितृ सूक्तम पाठ का जाप करना चाहिए. इसे करने से व्यक्ति को पितृ दोष से मुक्ति मिलती है. साथ ही, पितृ दोष के कारण उत्पन्न होने वाली समस्याएं दूर होती हैं. पितृ पक्ष के दौरान नियमित रूप से इस पाठ का जाप करने से लाभ होता है.


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