अक्षय तृतीया के तिथि का धार्मिक महत्व है, जानें इस दिन क्या करना चाहिए और क्या नहीं ?
हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया तिथि का धार्मिक महत्व बहुत ही ज्यादा है।
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आज अक्षय तृतीया का पावन पर्व है। अक्षय तृतीया का पावन पर्व वैशाख के महीने की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाई जाती है। हिंदू धर्म में अक्षय तृतीया तिथि का धार्मिक महत्व बहुत ही ज्यादा है। कई जगहों पर इसे आखातीज के नाम से भी जाना जाता है।
यह बेहद ही शुभ पर्व और इस दिन किए गया कोई भी शुभ कार्य अतिशुभ एवं अक्षय फल देने वाला माना जाता है। वैशाख शुक्ल तृतीया तिथि की अधिष्ठात्री देवी माता गौरी है। इसलिए इस दिन माता गौरी को साक्षी मानकर किया गया धर्म-कर्म और दिया गया दान का अक्षय लाभ होता है, इसलिए इस तिथि को अक्षय तृतीया कहा गया है।
अक्षय तृतीय के दिन जरूर करें ये काम
- इस दिन भगवान विष्णु की पूजा जरूर करनी चाहिए।
- इस दिन गृह प्रवेश, गृह निर्माण, दुकान अथवा प्रतिष्ठान का शुभारंभ शुभ माना जाता है।
- अगर आपका भाग्योदय नहीं हो रहा है, तो अक्षय-तृतीया के दिन सुबह उठते ही 11 गोमती चक्रों को पीसकर उनका चूर्ण बनाकर अपने घर के मुख्य द्वार के सामने अपने ईष्ट देव का स्मरण करते हुए बिखेर दें। इससे कुछ ही दिनों में दुर्भाग्य खत्म होने लगेगा भाग्योदय होगा और जीवन में खुशहाली आने लगेगी।
- इस दिन नए आभूषण की खरीदी, नए व्यापार का आरंभ तथा विवाह संस्कार आदि को शुभ माना जाता है।
- इस घर में सुख-शांति के लिए 11 गोमती चक्रों को एक लाल रेशमी कपड़े में बांधकर चांदी की डिब्बी में रखकर पूजा स्थान में रख दें, इससे घर में सुख-शांति का हमेशा वास बना रहेगा।
- इस दिन तीर्थ स्नान तथा पितृ तर्पण का खास महत्व है।
- इस दिन चार धाम में से खास एक भगवान बद्रीनाथ धाम के भी पट भी खुलते हैं। अत: हो सके तो बद्रीनाथ धाम अवश्य जाएं।
- व्यापार में लाभ के लिए 27 गोमती चक्र लेकर पीले या लाल रेशमी कपड़े में बांधकर अपने व्यापारिक स्थान अथवा प्रतिष्ठान के मुख्य द्वार पर बांध दें, यह कार्य करने भर से आपको व्यापार में आशानुरूप लाभ मिलने लगेगा।
- अगर आपने पूरे साल कोई भी दान नहीं किया है तो अक्षय तृतीया के दिन विष्णु भगवान और अपने पितरों के लिए दान-पुण्य करें।
- इस दिन सत्तू, दही, चावल, मिट्टी का घड़ा, जौ, गेहूं एवं फल का दान अपने सामर्थ्य के अनुसार अवश्य ही करना चाहिए।
अक्षय तृतीया के दिन ना करें ये काम
- इस दिन अत्याचार, दुराचार, धूर्तता, अनाचार और किसी भी आत्मा को नहीं दुखाना चाहिए। क्योंकि इन पापों का कर्मफल भी अक्षुण रहता है। अत: इस दिन किए गए पाप हर जन्म में पीछा करता रहता है। अत: इस दिन सावधानी बरतते हुए सिर्फ अच्छे कर्म ही करने चाहिए।
- इस दिन असामाजिक कार्य नहीं करने चाहिए, क्योंकि इससे माता लक्ष्मी रूठ जाती हैं और उस व्यक्ति का जीवन धन के अभाव होने लगता है।
- इस दिन व्रत करना शुभ माना जाता है। ऐसा करने से जीवन में सभी प्रकार के सुखों की प्राप्ति होती है।
- इस दिन जरूरतमंदों की मदद करें, उपहास न करें।
- इस दिन भगवान विष्णु को तुलसी अर्पित करना चाहिए, लेकिन अगर अक्षय तृतीया के दिन रविवार हो तो एक दिन पहले ही तुलसी का पत्ता तोड़कर रख लें, क्योंकि रविवार को तुलसी का पत्ता तोड़ना वर्जित माना गया है।
- इस दिन स्नानादि से निवृत्त होकर साफ अथवा नए वस्त्र धारण करके शुद्धता के साथ माता लक्ष्मी का पूजन करना चाहिए। इस दिन गंदे अथवा बिना धुले वस्त्र नहीं पहनना चाहिए, इससे धन की देवी माता लक्ष्मी नाराज हो सकती है तथा उनके कोप का प्रकोप आप पर पड़ सकता है।
- इस दिन मांस-मदिरा का सेवन न करें। यह आपके सौभाग्य को दुर्भाग्य में बदल सकता है।
- इस दिन पहली बार जनेऊ धारण नहीं करना चाहिए, यह बेहद अशुभ माना जाता है।