कुंडली में राहु और शुक्र ग्रह का योग बनाता है मालामाल, जाने कैसे
कुंडली में राहु और शुक्र ग्रह का योग बहुत ही अलग प्रकार के फल देने वाला होता है. दोनों का प्रभाव सबसे ज्यादा होता है. जहां तक वर्तमान कलियुग की बात है, इसमें अधिकतर खेल शुक्र का ही है.
कुंडली में राहु और शुक्र ग्रह का योग बहुत ही अलग प्रकार के फल देने वाला होता है. दोनों का प्रभाव सबसे ज्यादा होता है. जहां तक वर्तमान कलियुग की बात है, इसमें अधिकतर खेल शुक्र का ही है. दोनों ही भौतिकता के कारक हैं. दोनों के बीच गुरु-शिष्य का संबंध हैं. शुक्र यानी दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य और राहु उनका शिष्य है. दोनों ग्रह लग्जरी से जुड़े हैं यानी इन दोनों का योग व्यक्ति को भोग विलास कराता है. जीवन में आर्थिक समृद्धि शुक्र ग्रह से ही प्राप्त होती है जबकि राहु ग्रह उनका उपयोग कराता है.
शुक्र के साथ आते ही आनंदित हो जाते राहु
कुंडली में राहु ग्रह शुक्र ग्रह के साथ मिल कर आनन्दित हो जाते हैं क्योंकि दोनों का नेचर कई पहलुओं पर मैच कर जाता है. सुख भोगना दोनों की वरीयता है, दोनों के स्वभाव में भोग विलास यानी खाओ पिओ और मौज करो का सिद्धांत लागू होता है. जीवन में भोग विलास और सुख समृद्धि आदि सब शुक्र ग्रह के अधीन है. गुरु शिष्य होने के कारण राहु और शुक्र ग्रह की बॉंडिंग बहुत अच्छी होती है, दोनों की प्रायोरिटी लिस्ट में सुख भोगना है. जिस तरह इन दोनों ग्रहों को सुख भोगना पसंद है उसी तरह जिस व्यक्ति की कुंडली में दोनों ग्रह अच्छी स्थिति में हैं, वह भी भौतिकता वादी चीजों को अधिक महत्व देगा. राहु अकूत संपदा देता है, दरअसल राहु के अंदर भोगने की लालसा बहुत जबर्दस्त होती है, यदि किसी का राहु एक्टिव है तो फ्रिज में रखी खाने की स्वादिष्ट चीज को राहु रोकने नहीं देगा और जल्दी से खा लेगा क्योंकि राहु किसी चीज को रोकता नहीं है, संचित नहीं करता है बल्कि तुरंत इस्तेमाल करता है.
इसी तरह से यदि वह कोई इलेक्ट्रॉनिक आइटम खरीद कर लेकर आता है तो वह उसे तुरंत इस्तेमाल करता है. उसे तो भोग विलास पसंद है. केतू का मामला इससे थोड़ा उलट है, वह वैराग्य पसंद करता है इसलिए वह फ्रिज में रखी हुई चीज को तुरंत खाना नहीं पसंद करता है बल्कि कुछ समय के लिए इग्नोर या त्याग करता है यानी सुरक्षित करता है और जब उसकी जरूरत तथा इच्छा होती है, तभी उस चीज को खाता है.
दोनों ग्रहों की योग में इन सावधानियों का रखना होगा ध्यान
दोनों ग्रहों का योग जहां भोग विलास का जीवन देता है वहीं ऐसे लोगों का दांपत्य जीवन खराब हो सकता है, इसके भी कई प्रकार हैं, जैसे परिवार वालों की मर्जी के बिना प्रेम विवाह हो जाए जो पुराने हिसाब से ठीक नहीं है. पत्नी के स्वास्थ्य को लेकर गड़बड़ियां हो सकती हैं, पत्नी को यूरिन इंफेक्शन, डायबिटीज आदि रोग हो सकते हैं क्योंकि राहु लॉर्ड ऑफ प्वाइजन माने जाते हैं. इन्हीं कारकों से पुरुषों में यूरिन इंफेक्शन, प्रोस्टेट या डायबिटीज के रोग हो सकते हैं.
दोनों के योग का लाभ लेना है तो करना होगा यह उपाय
राहु और शुक्र ग्रह के योग का पूरा लाभ लेना चाहते हैं तो उसके लिए कुछ उपाय करने होंगे. जीवन में संयमित रहना चाहिए अन्यथा तमाम तरह के रोग पैदा हो जाते हैं. दरअसल दोनों ग्रह जहां से इनकम हो रही है उसे खूब कराते हैं, यहां तक कि अनैतिक धन लाभ भी कराते हैं यानी दो नंबर की कमाई कराते हैं, दोनों ग्रहों के योग वाले व्यक्ति बिना मेहनत के भी कमाई कर लेते हैं और सफल हो जाते हैं. ऐसे लोगों को देवी उपासना करनी चाहिए, वे मां दुर्गा की पूजा और प्रार्थना करें तो मां दुर्गा शुक्र और राहु जनित जो भी समस्याएं हैं, उन्हें ठीक करती हैं. ऐसे लोगों को लग्जरी को भोगने में संयमित रहना चाहिए.