इन 4 राशियों पर बरसती है मंगल और शनि की कृपा, जानें अपनी राशि
मंगल और शनि की कृपा
ज्योतिष में 12 राशियों के बारे में बताया गया है. सभी राशियों की अपनी अलग विशेषताएं और गुण-अवगुण होते हैं. तमाम ज्योतिष विशेषज्ञ व्यक्ति की कुंडली में उसके ग्रह और नक्षत्रों के आधार पर गणना करके और उसकी राशि के आधार पर व्यक्ति के स्वभाव को समझकर लोगों के वर्तमान समय और भविष्य में होने वाली संभावनाओं के बारे में अनुमान लगाते हैं. ज्योतिष में मंगल और शनि के स्वामित्व वाली राशियों को काफी पावरफुल माना गया है. जानते हैं इन चार राशियों के गुणों के बारे में.
मेष : मेष राशि 12 राशियों में सबसे पहली राशि होती है. इस राशि का स्वामी मंगल होता है. इस राशि के लोग काफी आत्मविश्वासी होते हैं. इनमें नेतृत्व क्षमता कूट कूटकर भरी होती है. अपने इन गुणों की वजह से ये जहां भी जाते हैं, अपनी विशेष जगह बना लेते हैं. करियर के मामले में भी मंगल इनकी काफी मदद करता है और ये लोग काफी अच्छे पदों पर पहुंचते हैं. ये लोग बहुत साहसी होते हैं और किसी से नहीं डरते. लेकिन इस राशि के लोगों में गुस्सा बहुत तेज होता है. हालांकि वो गुस्सा जल्दी ही उतर भी जाता है.
वृश्चिक : इस राशि का भी स्वामी मंगल है. वृश्चिक राशि के लोग बहुत मेहनती होते हैं और ये जीवन में जहां भी पहुंचते हैं, अपनी मेहनत के बूते पर पहुंचते हैं. ये काफी साहसी और निडर होते हैं. इन्हें किसी से डर नहीं लगता. ये किसी के काम में दखल देना पसंद नहीं करते और न ही किसी का दखल अपनी लाइफ में पसंद करते हैं. इन्हें धोखे से नफरत है. यदि कोई इनके साथ धोखा करे तो ये उसे सबक सिखाकर ही दम लेते हैं.
मकर : मकर राशि के स्वामी शनि हैं, इसलिए इस राशि पर शनि की विशेष कृपा होती है. चूंकि शनि को न्याय प्रिय माना गया है और कर्मफल दाता कहा जाता है, इसलिए इस राशि के लोगों का भी रुझान अच्छे कार्यों की ओर ही होता है. वैसे इस राशि के लोग काफी शक्तिशाली होते हैं और अपने आत्मविश्वास और काबिलियत के बल पर बहुत आगे बढ़ते हैं. लेकिन ये चाहकर भी किसी का बुरा नहीं कर पाते.
कुंभ : कुंभ राशि के स्वामी भी शनि हैं. इस राशि के लोगों पर भी शनिदेव की विशेष कृपा होती है. ये लोग जितनी मेहनत करते हैं, उसका पूरा फल इन्हें प्राप्त होता है. इनकी कड़ी मेहनत इन्हें शिखर तक पहुंचाती है. ये लोग सिर्फ आत्मविश्वासी ही नहीं होते, बल्कि काफी निडर, साहसी और बुद्धिमान होते हैं. इनमें बोलने की कला जबरदस्त होती है.
(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है. )