जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Shani Puja Niyam: न्याय और कर्म के देवता शनिदेव अगर किसी व्यक्ति पर मेहरबान होते हैं, तो उसे हर सुख-सुविधा से पूर्ण कर देते हैं. वहीं, नाराज होने पर व्यक्ति को सड़क पर ले आते हैं. व्यक्ति की परेशानियां खत्म होने का नाम ही नहीं लेती. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति को जीवन में एक बार शनि की महादशा, ढैय्या और साढ़े साती का सामना जरूर करना पड़ता है.
ऐसे में व्यक्ति शनिदेव की कुदृष्टि और सजा से बचने के लिए शनिदेव की विधि-विधान से पूजा करते हैं. उन्हें जो चीजें पसंद होती है, अर्पित करते हैं. ताकि शनिदेव की कृपा बनी रहे. लेकिन कई बार पूजा के दौरान भी नसमझी में कुछ ऐसी चीजें कर जाते हैं, जो शनिदेव की प्रसन्न करने की जगह नाराज कर देती हैं. और फिर उनकी कोप का शिकार बनना पड़ता है. आइए जानें.
शनिदेव की पूजा के समय बरतें ये सावधानियां
शनिदेव की आंखों में न देखें
शनिदेव की पूजा करते समय इस बात का खास ख्याल रखें कि उनकी आंखों में देखकर पूजा न करें. ऐसे में पूजा के समय या तो अपनी आंखें बंद कर लें या फिर उनके चरणों की तरफ देखकर पूजा करें. कहते हैं कि शनि देव की आंखों में आंखे डालकर पूजा करने से उनकी दृष्टि आप पर ही पड़ने लगती है.
न दिखाएं पीठ
शनिदेव की पूजा के दौरान तनकर न खड़े हों. साथ ही, पूजा के बाद जब वहां से हटते हैं, तो उसी अवस्था में हटें , जैसे खड़े हैं. शनिदेव को पीठ नहीं दिखानी चाहिए. इससे वे नाराज हो जाते हैं.
लोहे के बर्तन से चढ़ाएं तेल
शनिवार के दिन शनिदेव की मूर्ति पर सरसों का तेल अर्पित किया जाता है. ऐसे में लोग कई बार तांबे के बर्तन का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन इस दौरान लोहे के बर्तन का इस्तेमाल करना चाहिए. तांबा सूर्य का कारक है.
दिशा का ध्यान रखना भी है जरूरी
शनिदेव की पूजा के समय दिशा का ध्यान भी जरूर रखें. वैसे तो लोग पूर्व दिशा की ओर मुंह करके पूजा करते हैं. लेकिन ऐसा माना जाता है कि शनिदेव पश्चिम के स्वामी हैं. इसलिए शनिदेव की पूजा करते समय पश्चिम दिशा की ओर मुंह होना चाहिए.