इन तिथियों पर जरूर करें स्‍नान, वरना नाराज हो जाएंगे देवी-देवता और पूर्वज

जब भी किसी खास पर्व, व्रत-त्‍योहार या शुभ तिथि की बात आती है तो पहली बात सुबह उठकर जल्‍दी स्‍नान करने की होती है

Update: 2021-08-15 02:46 GMT
इन तिथियों पर जरूर करें स्‍नान, वरना नाराज हो जाएंगे देवी-देवता और पूर्वज

फाइल फोटो 

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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जब भी किसी खास पर्व, व्रत-त्‍योहार या शुभ तिथि (Auspicious Tithi) की बात आती है तो पहली बात सुबह उठकर जल्‍दी स्‍नान करने की होती है. दरअसल, हिंदू धर्म (Hindu Religion) में व्‍यक्ति के तन-मन की शुद्धता, पवित्रता पर बहुत जोर दिया गया है इसलिए खास मौकों पर पवित्र नदियों (Holy River) में स्‍नान करने की परंपरा है. व्‍यक्ति के शरीर की शुद्धता उसे बीमारियों से बचाती है और मन की शुद्धता उसे हमेशा सही रास्‍ते पर चलाती है. हालांकि, कई लोग ऐसे होते हैं जो रोज नहीं नहाते (Bath) हैं या कभी-कभार नहाने में कोताही कर देते हैं.

इन दिनों में जरूर करें स्‍नान
ठंड के दिनों में या बाकी दिनों में विभिन्‍न कारणों से नहाने से बचने वालों के लिए भी शास्‍त्रों में कुछ बातों का उल्‍लेख है. इसके मुताबिक यदि व्‍यक्ति कुछ खास तिथियों पर स्‍नान न करे तो इससे बहुत पाप लगता है. इसके अलावा व्‍यक्ति पर देवी-देवता (God-Goddess) की कृपा नहीं होती और उसकी जिंदगी से धन-वैभव, खुशियां चली जाती हैं.
पूर्णिमा: हिंदू धर्म में सभी पूर्णिमा और अमावस्‍या (Purnima-Amavasya) का बहुत महत्‍व है. यहां तक कि इन दोनों तिथियों पर पवित्र नदियों में स्‍नान करने की या नहाने के पानी में पवित्र नदियों का जल मिलाकर स्‍नान करने का विधान है. यदि पूर्णिमा के दिन व्‍यक्ति स्‍नान न करे तो उससे देवी लक्ष्‍मी रूठ जाती हैं क्‍योंकि पूर्णिमा के दिन भगवान विष्‍णु की पूजा की जाती है जो कि देवी लक्ष्‍मी के पति हैं. लिहाजा जीवन में भगवान विष्‍णु और देवी लक्ष्‍मी की कृपा चाहते हैं तो पूर्णिमा को न नहाने की गलती न करें.
अमावस्‍या: इस दिन पितरों का आशीर्वाद पाने के लिए पूजा की जाती है. यदि इस दिन स्‍नान न किया जाए तो पूर्वज नाराज हो जाते हैं और जिंदगी में कई तरह की मुसीबतें आती हैं. करियर में सफलता, निरोगी शरीर और आर्थिक संपन्‍नता के लिए पितरों की कृपा बहुत जरूरी है.
इसके अलावा हर महीने के शुक्ल पक्ष और कृष्ण पक्ष की चतुर्थी, एकादशी, त्रयोदशी और चतुर्दशी तिथि को बहुत पवित्र माना गया है. इन तिथियों पर भी व्‍यक्ति को बिना नहाए नहीं रहना चाहिए. यदि बीमारी के कारण नहीं नहा पा रहे हैं तो भी मुंह-हाथ धोकर साफ कपड़े पहन लें.


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