नवरात्रि पर सूर्य का तुला राशि में हुआ प्रवेश, जानें किन क्षेत्रों में दिखेगा प्रभाव
ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, सूर्य को सभी ग्रहों में सबसे शक्तिशाली माना जाता है। जब भी सूर्य राशि परिवर्तन करते हैं,
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, सूर्य को सभी ग्रहों में सबसे शक्तिशाली माना जाता है। जब भी सूर्य राशि परिवर्तन करते हैं, इसका प्रभाव सभी राशियों पर पड़ता है। नवरात्रि शुरू होते ही, 17 अक्टूबर को सूर्य तुला राशि में प्रवेश कर गए और 16 नवंबर तक इस राशि में रहेंगे। सूर्य का राशि परिवर्तन से कुछ राशियों के लिए मंगलदायी रहेगा, तो कुछ राशियों को इससे उतर-चढ़ाव का सामना करना पड़ सकता है। सुर्य ने तुला में प्रवेश किया है। तुला राशि में पहले से वक्री बुध भी रहेगा। इस कारण बुध-आदित्य योग बनेगा। सूर्य के तुला राशि में आने से राजनीतिक उठापटक, अनसोचे उलटफेर, आकस्मिक दुर्घटना की आशंका, व्यापार में तेजी आएगी और सोने-चांदी के भाव में बढ़ोतरी होगी।
ज्योतिषाचार्य अनीष व्यास ने बताया कि ज्योतिष में आत्मा, यश और राजसत्ता के कारक ग्रह भगवान सूर्य ग्यारह महीने बाद 17 अक्टूबर को अपनी नीच संज्ञक राशि तुला में प्रवेश कर गए। इस राशि पर ये 16 नवंबर की सुबह 6 बजकर 55 मिनट तक गोचर करेंगे, उसके बाद वृश्चिक राशि में प्रवेश कर जाएंगे। कोई भी ग्रह यदि वह जातक की जन्मकुंडली अथवा गोचर में अपनी नीच संज्ञक राशि में रहता है तो शुभ-अशुभ दोनों प्रकार के फल देता है, इसलिए नीच संज्ञक राशि में बैठे या गोचर करने वाले ग्रहों का फलादेश बहुत गहनता से करना चाहिए। सिंह राशि के स्वामी सूर्य मेष राशि में उच्चराशिगत एवं तुला राशि में नीच राशिगत संज्ञक माने गए हैं।
तुला संक्रांति
हर महीने सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है, जिसे संक्रांति कहा जाता है। इस महीने सूर्य के राशि परिवर्तन को तुला संक्रांति कहा जा रहा है। वहीं ये उसके शत्रु ग्रह शुक्र की भी राशि है। तुला राशि में सूर्य 16 नवंबर तक रहेगा। इस 1 महीने में सूर्य का शुभ और अशुभ असर सभी राशियों पर पड़ेगा, जिसके प्रभाव से कुछ लोगों के जीवन में अनचाहे बदलाव भी हो सकते हैं और कुछ लोगों के लिए अच्छा समय रहेगा। सूर्य के शुभ प्रभाव से जॉब और बिजनेस में तरक्की के योग बनते हैं और लीडरशीप करने का मौका भी मिलता है। अनीष व्यास ने बताया कि ज्योतिष में सूर्य को आत्माकारक ग्रह कहा गया है। इसके प्रभाव से आत्मविश्वास बढ़ता है। पिता, अधिकारी और शासकिय मामलों में सफलता भी सूर्य के शुभ प्रभाव से मिलती है। वहीं, सूर्य का अशुभ प्रभाव असफलता देता है, जिसके कारण कामकाज में रुकावटें और परेशानियां बढ़ती हैं। धन हानि और स्थान परिवर्तन भी सूर्य के कारण होता है। सूर्य के अशुभ प्रभाव से स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी होती है।