भविष्य को संकट में डालता हैं इन स्थानों पर अधिक समय तक रुकना पढ़े चाणक्य नीति
आचार्य चाणक्य को भारत के महान ज्ञानियों और विद्वानों में से एक बताया गया हैं जिनकी नीतियां देश दुनिया में प्रसिद्ध हैं चाणक्य ने अपने जीवन के अनुभवों को नीतिशास्त्र में पिरोया हैं जिसे चाणक्य नीति के नाम से जाना जाता हैं।
आचार्य चाणक्य ने मानव जीवन से जुड़े हर पहलु पर अपनी नीतियों का निर्माण किया हैं जिसका अनुसरण करने वाला मनुष्य हमेशा ही सफल और सुखी रहता हैं चाणक्य ने अपनी नीतियों के जरिए कुछ ऐसे स्थानों के बारे में बताया हैं जहां अधिक समय तक रुकना भविष्य को खतरे में डाल सकता हैं, तो आज हम इसी विषय पर चर्चा कर रहे हैं, तो आइए जानते हैं।
आज की चाणक्य नीति—
चाणक्य नीति कहती है जिस देश में आदर सम्मान न हो, जहां पर आजीविका का कोई साधन न हो, जहां कोई भी बंधु बांधव या रिश्तेदार ना हो साथ किसी तरह की विद्या या फिर गुणों को सीखने की संभावना ना हो ऐसे देश, स्थान पर अधिक वक्त तक नहीं रुकना चाहिए। वरना व्यक्ति के साथ उसके पूरे परिवार का भविष्य खतरे में पड़ सकता हैं।
चाणक्य नीति की मानें तो हर व्यक्ति अपने देश, गांव और शहर को छोड़ कर किसी अन्य स्थान पर नयी बात, नयी विद्या, रोजगार और नया गुण सिखने के लिए जाता हैं लेकिन अगर वहां इन सभी में किसी भी बात की संभावना न हो। ऐसे देश और स्थान पर जाने से व्यक्ति को किसी भी प्रकार का लाभ प्राप्त नहीं होगा। चाणक्य नीति कहती हैं जहां पर आजीविका का कोई साधन न हो वहां पर भी अधिक समय तक रूकना मूर्खता होती हैं क्योंकि ऐसे स्थान पर रहने से व्यक्ति तरक्की नहीं करता हैं बल्कि परेशानियों से जकड़ जाता हैं ऐसे में इन स्थानों को तुरंत छोड़ देने में भलाई होती है।